भ्रष्टाचार मामले में पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल के खिलाफ केस दर्ज, तीन साथी गिरफ्तार

Update: 2023-09-25 11:23 GMT


पूर्व मंत्री बादल पर प्लॉट खरीदने के लिए साजिश करने का आरोप

बादल की साजिश से सरकार काे करीब 65 लाख रुपये का नुकसान

चंडीगढ़, 25 सितंबर (हि.स.)। पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रही मुहिम के तहत राज्य के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अन्य चार लोगों के खि़लाफ़ आपराधिक और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस मामले में विजीलेंस ने तीन आरोपितों को गिरफ्तार भी कर लिया है।

विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि उपरोक्त मामला बठिंडा शहरी के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला ने मनप्रीत सिंह बादल और अन्यों के खि़लाफ दी गई शिकायत की जांच के उपरांत दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि पड़ताल के दौरान पाया गया कि मनप्रीत सिंह बादल ने साल वर्ष 2018 से वर्ष 2021 तक वित्त मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपने राजनीतिक दबाव और प्रभाव के स्वरूप मॉडल टाऊन फेज-1 बठिंडा, नज़दीक टीवी टाॅवर में 1560 वर्ग गज के दो प्लॉट खऱीदे, जिस कारण सरकारी खजाने को 65 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत की जांच के दौरान यह पाया गया कि पूर्व वित्त मंत्री ने अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए बीडीए बठिंडा के अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके साल 2021 में प्लॉट्स की बोली के दौरान आम लोगों को गुमराह कर किया। इसके अलावा अपलोड किए गए नक्शे में प्लॉट नंबर 725-सी (560 वर्ग गज) और 726 (1000 वर्ग गज) को भी आवासीय की बजाय व्यापारिक तौर पर दिखाया गया था और प्लॉट्स के नंबर ऑनलाइन ई-ऑक्शन पोर्टल और दिखाए गए नक्शे में नहीं दिखाए गए थे। इसके अलावा इन प्लॉ्स की नीलामी के लिए बलविन्दर कौर, प्रशासनिक अधिकारी, बीडीए बठिंडा के डिजिटल हस्ताक्षरों का प्रयोग उनकी इजाज़त के बिना किया गया।

उन्होंने बताया कि पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि राजीव कुमार, विकास अरोड़ा और अमनदीप सिंह नामक अकेले तीन बोलीदाताओं के लिए बोली एक ही व्यक्ति एडवोकेट संजीव कुमार के एक ही आईपी एड्रेस से की गई। इसके अलावा दोनों प्लॉट्स बोलीदाताओं ने वर्ष 2021 में कम दाम पर खऱीदे गए थे, जो दाम साल 2018 में नीलामी के समय पर तय किए गए थे, जिस कारण सरकार को करीब 65 लाख रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ।

पूर्व वित्त मंत्री ने बीडीए बठिंडा से अलॉटमेंट पत्र मिलने से पहले अपने जाने-पहचाने बोलीदाताओं से एग्रीमेंट्स के द्वारा दोनों प्लॉट्स खरीद लिए। यह भी पता लगा है कि मनप्रीत सिंह बादल ने सफल अलॉटियों को 25 प्रतिशत बयाना पहले ही ट्रांसफर कर दिया, जिससे पता लगता है कि उनकी बोलीदाताओं से पहले ही मिलीभगत थी।

उन्होंने बताया कि विजीलैंस ब्यूरो ने इस केस में बठिंडा के न्यू शक्ति नगर निवासी राजीव कुमार, बठिंडा के लाल सिंह बस्ती निवासी अमनदीप सिंह और बठिंडा के टैगोर नगर निवासी विकास अरोड़ा को गिरफ़्तार किया है। अन्य दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है और आगे की जांच के दौरान अन्य दोषियों के शामिल होने संबंधी भी पता लगाया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

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