भाजपा की सियासी जमीन खिसकी, टिकट वितरण से खुद ही हार मान कर बैठ गई: रागिनी नायक

Update: 2023-09-28 18:41 GMT


भोपाल, 28 सितंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जिम्मेदारी मिलने के बाद गुरूवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान रागिनी नायक ने भाजपा में टिकट वितरण को लेकर जमकर निशाना साधा।

कांग्रेस नेत्री ने कहा कि मन के हारे हार है मन के जीते जीत और भाजपा की टिकट वितरण प्रणाली पर जो सवाल उनकी ही पार्टी में खड़े हो रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि मन से किस तरह से भाजपा ने पहले ही हार मान ली है। इसलिए भाजपा में केंद्र सरकार के मंत्री और सांसदों को टिकट दिया जा रहा है। रागिनी ने कहा कि टिकट वितरण की जो सूची निकल रही हैं, उसमें शिवराज सिंह चौहान का नाम नहीं है, कोई प्रोटोकॉल नहीं है। पार्टी में शिवराज सिंह के विरोधियों को टिकट मिल रहा है, इसलिए शिवराज सिंह पहले ही अधिकारियों को विदाई भाषण दे रहेे हैं, क्योंकि वे समझ चुके हैं कि अब यह उनकी आखिरी मीटिंग है।

रागिनी नायक ने कहा कि भाजपा में इतनी अफरा-तफरी मची हुई है इसलिए भाजपा के पैरों के नीचे अब सियासी जमीन ही नहीं बची है। शिवराज सिंह 18 साल से मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री हैं, लेकिन फिर भी भाजपा उन्हें चुनाव में अपना चेहरा नहीं बनाना चाहती है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी कांग्रेस के कार्याे की बात करते हैं, लेकिन शिवराज सिंह चौहान के कामों की बात नहीं करते हैं। क्योंकि उससे उन्हें वोट मिलते दिखाई नहीं दे रहे है। भाजपा ही शिवराज को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने से कन्नी काट रही है?

रागिनी नायक ने शिवराज सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि यह कैसे मुख्यमंत्री हैं, जिन पर इनकी पार्टी को ही विश्वास नहीं है। भाजपा वाले शिवराज सिंह चौहान के नाम से क्यों बच रहे हैं? उन्हें अपना विदाई भाषण क्यों देना पड़ा?

भाजपा महिला विरोधी

रागिनी नायक ने भाजपा नेता केदारनाथ शुक्ला की टिप्पणी पर कहा कि भाजपा नेत्रियों को शायद ना बुरा लगा हो लेकिन मुझे बुरा लगा है। क्योंकि केदारनाथ शुक्ला व्यक्तिगत राजनीति की वजह से भाजपा नेत्री पर सवाल उठा रहे हैं कि वह कैसे टिकट ले कर आ गई है? यह किस प्रकार की डबल मीनिंग की बात वह कर रहे हैं। शुक्ला की बातों पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आपत्ति ना हो, लेकिन मुझे है, क्योंकि उनका महिला विरोधी कथन भारतीय जनता पार्टी की महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। डबल इंजन की सरकार महिलाओं के नाम पर डबल फेलुअर की सरकार साबित हुई है। भाजपा से कहना चाहता हूं कि राजनैतिक टकराहट हो सकती है लेकिन महिलाओं के प्रति ऐसा लांछन न लगाये।

हिन्दुस्थान समाचार/ नेहा/मुकेश

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