विकास दुबे वाले बिकरु कांड से लेकर, फर्रुखाबाद चाइल्ड किडनैपिंग तक, जानें कौन है वाराणसी के नए पुलिस कमिश्नर IPS मोहित अग्रवाल

Update: 2024-03-11 11:45 GMT


शासन ने सोमवार को वाराणसी पुलिस आयुक्त एडीजी मुथा अशोक जैन का ट्रांसफर कर दिया है, अब उनकी जगह आईपीएस मोहित अग्रवाल वाराणसी के नए पुलिस कमिश्नर होंगे। अशोक जैन को एडीजी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नत बोर्ड में जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें वाराणसी में नवंबर 2022 में सीपी बनाया गया था। वहीं सीपी अशोक मथा जैन के तबादले की सूचना मिलने के साथ ही पुलिस महकमे में गहमागहमी शुरू हो गई है। आइए जानते है कि वाराणसी के नए पुलिस कमिश्नर आईपीएस मोहित अग्रवाल कौन है, जो वाराणसी के नए पुलिस कमिश्नर का कार्यभार संभालेंगे।

जानें कौन है आईपीएस मोहित अग्रवाल

मोहित अग्रवाल 1997 बैच के आईपीएस ऑफिसर है, जो वर्तमान में एडीजी ATS के पद पर तैनात है। मोहित अग्रवाल की कानपुर रेंज में तैनाती चार जुलाई 2019 को हुई थी। कानपुर में बिकरू कांड के बाद हुए अभियुक्तों के साथ हुई पुलिस की पहली मुठभेड़ में आईजी ने खुद कमान संभाली और दो बदमाशों को ढेर कर दिया। उन्हीं की निगरानी में कुख्यात विकास दुबे का किला नुमा घर पुलिस ने ढहा दिया था। इस पूरे प्रकरण में पुलिस पर जब सवाल उठे, तब आइजी ने आगे आकर बचाव किया। नागरिकता संशोधन कानून के दौरान हुए विवाद में भी वह तत्कालीन एडीजी प्रेम प्रकाश के साथ सक्रिय रहे।

फर्रुखाबाद अपहरण कांड के बाद आए चर्चा में 

उनके कार्यकाल में दूसरी बड़ी घटना फर्रुखाबाद में हुई जिसके बाद वो काफी चर्चा में आए। जनवरी 2020 में फर्रुखाबाद के काकरथिया गांव में एक सिरफिरे युवक सुभाष बाथम ने अपनी बेटी की जन्मदिन पार्टी के बहाने पत्नी की मदद से गांव के दो दर्जन बच्चों को बंधक बना लिया था। सुभाष ने बच्‍चों को छोड़ने की एवज में एक करोड़ रुपये की मांग की थी। तत्‍कालीन आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल ने बच्‍चों को छुड़ाने की जिम्‍मेदारी उठाई। घंटों मशक्‍कत के बाद मोहित अग्रवाल की टीम ने बहादुरी दिखाते हुए सुभाष बाथम को ढेर कर दिया और सभी 23 बच्‍चों को सुरक्षित बचा लिया। वहीं सुभाष की पत्नी को गांव वालों ने पीट पीटकर मार डाला था। दंपती की बेटी की मोहित अग्रवाल अब तक देखभाल कर रहे है। आपीएस मोहित अग्रवाल के इस पराक्रम के लिए उन्हें गैलेंट्री सम्‍मान से नवाजा गया था।

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