मासूमों के सिर से उठा मां-बाप का साया, तो वाराणसी के इस डाक्टर ने लिया गोद, उठा रहे इलाज का पूरा जिम्मा

Update: 2023-10-14 12:35 GMT

वाराणसी। आपने वो कहावत तो सुनी ही होगी कि धरती पर अगर भगवान का रुप कोई है तो वो है डॉक्टर। कुछ ऐसा ही केस देखने को मिला वाराणसी में जहां मां-बाप की मौत के बाद उनके दो बच्चों को एक डॉक्टर उनकी संस्था ने गोद लिया। दरअसल बिहार के भभुआ कैमूर जिले में गैस सिलेंडर फटने से पति-पत्नी की मौत हो गई और उनके दो बच्चे बुरी तरह से झलुस गए। इन बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया, तो वाराणसी के एक डॅाक्टर फरिश्ता बनकर सामने आए और इन बच्चों को अपने संस्था के जरिए गोद लिया अब डॉक्टर ने दोनों बच्चों का पूरा इलाज कराने की जिम्मेदारी ली है।

इलाज के लिए बच्चों को सैस हॅास्पिटल किया गया रेफर

बता दें कि, बिहार के भभुआ कैमूर जिले के मुकारी गांव के निवासी अनिश (8) और अंशिका (6) के माता-पिता की गैस सिलेंडर फटने से मौत हो गई। इस घटना में दोनों मासूम भी बुरी तरह झुलस गए। इन्हें इलाज के लिए SAS अस्पताल हरहुवा वाराणसी में रेफर किया गया। जहां डॅाक्टर यश पाण्डेय इन बच्चों की स्थिति के बारे में पता चला तो उन्होंने दोनों को गोद लेकर इनके बेहतर इलाज की पूरी जिम्मेदारी उठा ली।



डॅा यश पाण्डेय ने लिया दोनों बच्चों को गोद

वाराणसी के डॅाक्टर यश पाण्डेय ने बताया कि किसी भी बच्चे के लिए इसे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा कि उसके मां-बाप दोनों का साया उनके सिर से उठ जाए। उन्होंने बताया कि हमें इस घटना की जब जानकारी लगी तो मैंने अपने संस्था के जरिए इन दोनों बच्चों को गोद लेने का फैसला लिया और इन्हें अपने हरहुआ स्थित सैस हॉस्पिटल में रेफर करवाया, जहां इन बच्चों का बेहतर इलाज किया जा रहा है। ये दोनों बच्चे इस दुर्घटना में बुरी तरह झुलस गए है, इनके शरीर पर 40% से अधिक जलने के निशान हैं।

अबतक बच्चे है मां-बाप की मौत से अनजान

डॅाक्टर यश पाण्डेय ने कहा कि अभी तक इन दोनों बच्चों को ये बात नहीं पता है कि इनके मां-बाप इस दुनिया में नहीं रहे। वो बार-बार अपने मम्मी-पापा के बारे में पूछ रहे, लेकिन उनके इस मेडिकल कंडिशन में हमें ये उचित नहीं लगा कि उन्हें सच बताया जा सके, क्योंकि बच्चें अभी छोटे है। हमने उन्हें अभी यही बताया है कि उनके माता -पिता का दूसरे हॅास्पिटल में इलाज चल रहा है।

डॅाक्टर ने कहा कि सैस हॉस्पिटल इंसानियत के नाते दुःख के इस घड़ी में पीड़ित बच्चों के साथ खड़ा है और उनकी पूरी जिम्मेदारी हमारी है।

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