कौन हैं बिमल पटेल? जिन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अब नए संसद भवन को किया डिजाइन

Update: 2023-05-28 13:45 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नए संसद भवन का उद्घाटन किया। यह निर्माण कार्य सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है। नए संसद भवन को गुजरात से आने वाले दिग्गज वास्तुकार बिमल पटेल द्वारा डिजाइन किया गया है। देश में पूरी हो चुकी और जारी कुछ अहम परियोजनाओं के पीछे भी इन्हीं का नाम है। बिमल ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी डिजाइन किया है।

भारत की नई संसद शानदार आर्किटेक्चर और स्ट्रक्चर का नमूना है। यह भारत सरकार की महत्वाकांक्षी तथा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा है। इसे बनाने वाले 64 साल के बिमल हसमुख पटेल कई मशहूर इमारतों को बना चुके हैं। सेंट्रल विस्टा रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, साबरमती रिवरफ्रंट समेत कई परियोजना में अपनी वास्तुकला का लोहा मनवा चुके हैं। इससे पहले पटेल ने केंद्र और गुजरात सरकार के कई प्रोजेक्ट को किया है।

बिमल हसमुख पटेल तीन दशकों के अनुभव के साथ एक जाने माने वास्तुकार हैं। उन्हें शहरी डिजाइन और योजना का विशेषज्ञ माना जाता है। बिमल वर्तमान में अहमदाबाद में सेंटर फॉर एनवायरनमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी (CEPT) विश्वविद्यालय के अध्यक्ष हैं। बिमल साल 2012 से इस विश्वविद्यालय नेतृत्व कर रहे हैं। इसके साथ ही वह एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख हैं, जिसकी स्थापना उनके पिता हसमुख सी पटेल ने 1960 में की थी। हसमुख पटेल भी एक प्रतिष्ठित वास्तुकार थे, जिन्होंने कई प्रतिष्ठित इमारतों को डिजाइन किया था।

बिमल पटेल वास्तुकला में कितने माहिर हैं, इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, साबरमती रिवरफ्रंट और सेंट्रल विस्टा तीनों ही पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट थे। तीनों ड्रीम प्रोजेक्ट को आर्किटेक्ट बिमल पटेल ने किया है। इससे पहले बिमल पटेल गुजरात हाईकोर्ट, IIM अहमदाबाद और IIT जोधपुर जैसी इमारतों को डिजाइन कर चुके हैं। नरेंद्र मोदी के गुजरात सीएम रहते हुए भी उन्होंने कई अहम प्रोजेक्ट किए थे।

भारत के मौजूदा संसद भवन में 1927 से राज्यसभा और लोकसभा दोनों की कार्रवाई होती है और इसे पूरा होने में छह साल लगे हैं। पुराना संसद भवन जहां भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की क्षमता का प्रतीक है, तो वहीं नए और स्वतंत्र भारत की आकांक्षा को दर्शाएगा। 65,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बना यह शानदार भवन भारत में आर्किटेक्चर चमत्कार का प्रतीक होगा।

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