चिलचिलाती धूप में श्रद्धालुओं को मिलेगी राहत, काशी विश्वनाथ धाम चौक परिसर में लगेगा जर्मन हैंगर पंडाल

Update: 2023-04-27 12:23 GMT

वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रतिदिन औसतन एक लाख भक्त आते हैं। यह संख्या विशेष अवसर पर दो से छह लाख तक पहुंच जाती है। प्रतिदिन मंदिर चौक पर पूरे दिन 50 हजार से ज्यादा भक्तों की मौजूदगी रहती हैं। जिसकी वजह से भक्तों को एक से दो घंटे तक कतार में खड़े होकर इंतजार करना होता है। चिलचिलाती धूप में ये इंतजार बड़ा दुश्वार होता है। इसके लिए काशी विश्वनाथ धाम के चौक परिसर पर जर्मन हैंगर पंडाल लगाया जाएगा। इससे गर्भगृह जाने वाले और दर्शन कर लौटने वालों को खुले परिसर को धूप से बचाया जा सकेगा। इस अस्थायी व्यवस्था को सावन से पहले स्थायी कर दिया जाएगा।

जर्मन हैंगर पंडाल पर मदिर प्रशासन खर्च करेगा दो करोड़ रुपये

देश और दुनिया से काशीपुराधिपति के दर्शन की आस लिए काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंच रहे भक्तों को वैशाख की तीखी धूप सताने लगी है। शिवभक्तों की इस परेशानी को देखते हुए ही मंदिर प्रशासन ने पूरे मंदिर चौक पर जर्मन हैंगर लगाने का फैसला किया है, इससे देवाधिदेव महादेव के भव्य दरबार में आने वाले भक्तों के पांव तपती धूप में नहीं जलेंगे। तीखी धूप से श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए काशी विश्वनाथ धाम के चौक परिसर पर जर्मन हैंगर लगाया जाएगा। मंदिर के सभी प्रवेश द्वार से गर्भगृह तक फर्श पर जूट की दरी बिछाई जाएगी। यह काम हर हाल में पांच मई तक पूरा करने का लक्ष्य है। श्रद्धालुओं के लिए हो रही इस अस्थायी व्यवस्था को सावन से पहले स्थायी कर दिया जाएगा। मंदिर प्रशासन इस पर दो करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।

यह अस्थायी व्यवस्था फिलहाल तीन महीने के लिए की जा रही

इससे गर्भगृह जाने वाले और दर्शन कर लौटने वालों को खुले परिसर को धूप से बचाया जा सकेगा। यह अस्थायी व्यवस्था फिलहाल तीन महीने के लिए की जा रही है। दरअसल, गंगा द्वार से गर्भगृह तक आने में श्रद्धालु को करीब 500 मीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। तीखी धूप के बीच यह दूरी कठिन हाे जाती है। मंदिर प्रशासन समस्या के स्थायी समाधान में जुटा है। मंदिर चौक और गंगा द्वार की तरफ परिसर तक स्थायी तौर पर छांव की व्यवस्था की जाएगी। इसकी औपचारिकता पूरी की जा रही है। जिस चयनित कंपनी की डिजाइन पास होगी, उससे काम कराया जाएगा। इससे पहले भी स्थायी तौर पर परिसर को कवर करने के प्रयास हुए थे, मगर तकनीकी कारणों से इसकी समय सीमा बढ़ाई गई है।

भक्तों की सुविधा के लिए होंगे कई अन्य बदलाव

भक्तों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कई बदलाव की तैयारी है। इसमें गेट नंबर चार पर वीआईपी रूम को सुविधायुक्त किया जाएगा। पेयजल और वॉशरूम की व्यवस्था की जाएगी। मंदिर में जगह-जगह कूलर और पंखे भी लगाए जाएंगे। हाथ धोने की भी व्यवस्था होगी। मंदिर में तैनात पुलिस, सीआरपीएफ सहित अन्य पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों के बैठने वाली जगह को टिनशेड से कवर किया जाएगा। गर्मी से राहत दिलाने के लिए कूलर आदि की व्यवस्था होगी। काशी विश्वनाथ मंदिर के न्यास कार्यालय की व्यवस्था को सर्व सुविधायुक्त किया जाएगा।मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर में आने वाले भक्तों की सहूलियत के लिए परिसर में जर्मन हैंगर लगाया जाएगा। तीन महीने की इस अस्थायी व्यवस्था के बाद स्थायी व्यवस्था को अमल में लाएंगे। कई और सुविधाओं के विस्तार का निर्णय लिया गया है

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