मप्रः यूपीएससी 184वीं रैंक का विवाद सुलझा, देवास की आयशा का दावा निकला सही

Update: 2023-05-26 18:05 GMT


- आलीराजपुर की आयशा पर होगी कानूनी कार्रवाई

भोपाल, 26 मई (हि.स.)। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा के परिणाम में 184वीं रैंक को लेकर दो हैरत में डालने वाले दावों को लेकर उठा विवाद सुलझ गया है। आयोग ने शुक्रवार को इस मामले में स्पष्ट कर दिया है देवास की आयशा फातिमा का 184वीं रैंक पर चयन को लेकर दावा सही है जबकि आलीराजपुर की आयशा मकरानी का दावा गलत पाया गया है। आयोग ने कहा है कि इसे लेकर आयशा मकरानी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा दो पहले 23 मई को सिविल सेवा परीक्षा 2022 का परिणाम जारी किया था। इसके बाद आलीराजपुर की आयशा मकरानी ने दावा किया था कि उनका चयन 184वीं रैंक पर हुआ है। आयशा ने इंटरव्यू के प्रवेश पत्र में अपना रोल नंबर 7811744 बताया था। इसी बीच यह सामने आया कि देवास कि आयशा फातिमा की भी यही रैंक और यही रोल नंबर है। एक ही रैंक पर दो दावों को लेकर विवाद खड़ा हो गया था।

इस मामले में आयोग ने शुक्रवार को प्रेस रिलीज जारी कर स्पष्ट कर दिया है कि देवास की आयशा फातिमा के दस्तावेज सही पाए गए हैं। आलीराजपुर की आयशा की ओर से झूठा दावा प्रस्तुत किया गया था। आयोग के मुताबिक, आलीराजपुर की आयशा मकरानी ने जो प्रवेश पत्र पेश किया था, उस पर क्यूआर कोड नहीं था। वहीं इंटरव्यू के लिए जो दिन लिखा गया, वह भी गलत था।

आयोग ने यह भी बताया कि आयशा मकरानी ने साल 2022 में यूपीएससी का प्री एग्जाम दिया था, लेकिन वह प्री एग्जाम में ही फेल हो गई। आयोग ने आगे कहा कि ऐसा करके आयशा मकरानी ने भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग द्वारा नोटिफाई किए गए सिविल सर्विस एग्जाम 2022 के नियमों और प्रावधानों का उल्लंघन किया है, इसलिए आयोग धोखाधड़ी करने वाले ऐसे उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक और अनुशासनात्मक कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/मयंक/प्रभात/प्रभात

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