अमित शाह ने मानसून के दौरान बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की

Update: 2023-06-02 16:28 GMT


नई दिल्ली, 02 जून (हि.स.)। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आगामी मानसून के संदर्भ में देश में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज नई दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में गृह मंत्री ने देश की स्थानीय बाढ़ समस्याओं को कम करने के लिए एक व्यापक नीति तैयार करने के लिए दीर्घकालिक उपायों की भी समीक्षा की।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई प्रयास हो रहे हैं जिनसे आपदा के दौरान जान-माल के नुकसान को कम से कम करने में मदद मिल सकेगी। उन्होंने मौसम संबंधी भविष्यवाणी अगले मानसून तक मौजूदा 5 से बढ़ाकर 7 दिन करने की आवश्यकता पर बल दिया जिससे बाढ़ प्रबंधन और बेहतर हो सके।

शाह ने बाढ़ और आपदा संबंधी जानकारी का विश्लेषण करने के लिए गृह मंत्रालय और एनडीएमए द्वारा मार्च, 2024 तक एक कॉमन सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए जिससे भविष्यवाणी करने वाली एजेंसीज़ को तत्काल वैज्ञानिक डेटा मिलेगा जिसका उपयोग आपदा प्रबंधन एजेंसियां कर सकेंगी।

उन्होंने कहा कि इस सॉफ्टवेयर को डेवलप करने में विदेशों की विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद भी ली जाए। शाह ने कहा कि सरकार की आपदा मित्र योजना में गांवों में उपलब्ध परंपरागत गोताखोरों को भी बचाव का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने अधिकारियों को देश के प्रमुख जलग्रहण क्षेत्रों में बाढ़ और जलस्तर में वृद्धि की भविष्यवाणी के लिए एक स्थायी प्रणाली बनाने के लिए केन्द्रीय और राज्य एजेंसियों के बीच समन्वय मजबूत करने के प्रयास जारी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्तमान बाढ़ के मौसम के दौरान, वर्तमान और अनुमानित नदी के स्तर की प्रति घंटे निगरानी की जानी चाहिए और तटबंधों की निगरानी, बचाव, अस्थायी आश्रयों सहित उचित उपाय किए जाने चाहिए।

गृह मंत्री ने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) और केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) जैसे विशिष्ट संस्थानों को मौसम और बाढ़ के अधिक सटीक पूर्वानुमान के लिए अपनी तकनीकों का उन्नयन जारी रखना चाहिए। उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि एसएमएस, टीवी, एफएम रेडियो और अन्य माध्यमों से जनता तक बिजली गिरने के बारे में आईएमडी की चेतावनी समय पर पहुंचनी चाहिए।

अमित शाह ने कहा कि आईएमडी द्वारा विकसित ''उमंग'', ''रेन अलार्म'' और ''दामिनी'' जैसे मौसम पूर्वानुमान से संबंधित विभिन्न मोबाइल ऐप का लाभ लक्षित आबादी तक पहुंचाने के लिए इनका अधिक से अधिक प्रचार किया जाना चाहिए। ''दामिनी'' ऐप बिजली गिरने से तीन घंटे पहले इसकी चेतावनी देती है जिससे जान-माल के नुकसान को कम करने में मदद मिल सकती है। 02 जून, 2022 को हुई बाढ़ समीक्षा बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशानुसार, सूचना के आसान प्रसार के लिए इस ऐप को अब 15 भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने निर्देश दिया कि विभिन्न एजेंसियों द्वारा चलाए जा रहे जनजागरूकता कार्यक्रमों में एकरूपता होनी चाहिए और अधिकतम प्रभाव के लिए इसका एकीकरण किया जाना चाहिए।

बैठक में विभिन्न प्रस्तुतियां दीं गई और पिछले वर्ष बाढ़ समीक्षा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों और इस मानसून के मौसम के साथ-साथ उनकी भविष्य की कार्ययोजना के लिए लक्षित/किए जा रहे उपायों पर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।

बैठक में गृह मंत्रालय, जल संसाधन मंत्रालय, नदी विकास और नदी कायाकल्प मंत्रालय, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव, सदस्य और सचिव (स्वतंत्र प्रभार) एनडीएमए, एनडीआरएफ के महानिदेशक, अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी और एनएचएआई तथा मौसम विभाग, रेलवे बोर्ड और संबंधित मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / अनूप

/प्रभात

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