तीन सरकारी लोक सेवक रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार

Update: 2023-09-28 18:35 GMT






धुबड़ी (असम), 28 सितंबर (हि.स.)। सीएम विजिलेंस विभाग द्वारा आज तीन सरकारी मुलाजिमों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय में एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें, आरोप लगाया गया था कि बिनोद कुमार पायेंग, एएफएस, प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ), धुबड़ी डिवीजन ने डीएफओ धुबड़ी के अधिकार क्षेत्र के भीतर अपने रेत महल से वाहनों की निर्बाध आवाजाही की अनुमति देने के लिए शिकायतकर्ता से एक बार रिश्वत के रूप में 50 हजार रुपये की मांग की।

धुबड़ी के डीएफओ बिनोद कुमार पायेंग ने तब शिकायतकर्ता को रिश्वत के भुगतान की मासिक प्रणाली तय करने के लिए अपने अधीनस्थ अधिकारियों से मिलने का निर्देश दिया। तदनुसार, शिकायतकर्ता ने धुबड़ी डिवीजन के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर के कार्यालय में अधीनस्थ अधिकारियों से मुलाकात की, जिन्होंने आगे चार लाख रुपये की रिश्वत मांगी। बाद में डीएफओ के साथ परामर्श करने के बाद, उन्होंने रिश्वत की राशि को घटाकर दो लाख रुपये कर दिया।

रिश्वत देने के लिए तैयार नहीं होने पर शिकायतकर्ता ने मामले में आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के लिए इस निदेशालय से संपर्क किया। तदनुसार, आज को सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक, असम के एक दल द्वारा धुबड़ी जिले के तहत धुबड़ी डिवीजन के प्रभागीय वन अधिकारी के कार्यालय में एक जाल बिछाया गया। जियाउल इस्लाम और सहबाज सुल्तान उर्फ बिट्टू दोनों फॉरेस्टर ग्रेड-1 हैं, जिन्हें डीएफओ धुबड़ी के साथ साजिश रचकर रिश्वत के रूप में क्रमश: 15 हजार रुपये और केवल पांच हजार रुपये स्वीकार करने के तुरंत बाद 11:35 बजे रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। रिश्वत की यह राशि उनके कब्जे से बरामद कर ली गई है और स्वतंत्र गवाहों की मौजूदगी में इसे जब्त कर लिया गया।

डीएफओ के एएफएस बिनोद कुमार पायेंग को भी शिकायतकर्ता से रिश्वत मांगने और उनके साथ साजिश में अपने अधीनस्थों के माध्यम से इसे स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।

उपरोक्त तीनों आरोपित लोक सेवकों के खिलाफ पर्याप्त सबूत पाते हुए, उन्हें सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय की टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया।

इस संबंध में एसीबी पुलिस स्टेशन में आज एसीबी पीएस केस नंबर 72/2023 के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (2018 में संशोधित) की धारा 7 (ए) के साथ धारा 120 (बी) आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया गया। आवश्यक कानूनी कार्रवाई चल रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/दधिबल

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