मई-जून में खाली रहते थें होटल के कमरे, अब ऑफ सीजन में भी वाराणसी के होटल-लॉज सब फुल!

Update: 2023-06-22 14:50 GMT

वाराणसी। धर्म व अध्यात्म की नगरी काशी जो कि हमेशा गुलजार रहती है, यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक आते जाते रहते है। वहीं जब से पीएम मोदी द्वरा भव्य काशी विश्वनाथ कॅारिडोर का उद्घाटन किया गया है, तब से दिन-प्रतिदिन श्रद्धालुओं व पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है। आलम ये है कि ऑफ सीजन में भी टूरिस्टों की संख्या में कोई कमी नहीं है, घाट-गलियों से लेकर शहर तक सभी छोटे बड़े लॅाज, पेइंग गेस्ट हाउस, होटल की बुकिंग फुल है।

ऑफ सीजन में भी बड़ी संख्या में आ रहे पर्यटक

मई और जून का महीना ऑफ सीजन माना जाता है, क्योंकि इस महीने में भीषण गर्मी पड़ती है जिसके चलते लोग ठंडे स्थानों की ओर रुख करते है। लेकिन मई-जून की चिलचिलाती गर्मी और ऑफ सीजन में भी पर्यटकों का काशी आना जारी है। लॅाज और होटलों में जगह नहीं मिल रही है। पर्यटकों के आने से पर्यटन कारोबार में तेजी आई है, मुंह मांगी कीमत देने के बावजूद घाट किनारे के होटलों में लोगों को कमरा मिलना मुश्किल है।

विश्वनाथ कॅारिडोर बनने से टूरिज्म सेक्टर को मिला बढ़ावा

पर्यटन विभाग के टूरिस्ट बंग्लो का भी यही हाल है। काशी विश्वनाथ धाम बन जाने के बाद टूरिज्म को काफी बढ़ावा मिला है। बनारस होटल एसोसिएशन के दीपक मिश्रा ने बताया कि कोरोना से प्रभावित पर्यटन उद्योग को डोमेस्टिक टूरिज्म ने उबार दिया है, काशी में प्रतिदिन एक से डेढ़ लाख तक पर्यटक आ रहे हैं। पर्यटकों की लागातार बढ़ती संख्या से लगता है कि सितंबर से फरवरी तक पर्यटकों की संख्या अनुमान से कहीं ज्यादा होगी।

 मई-जून बदला सीजन में

वहीं दशाश्वमेध क्षेत्र में स्थित जटाधारी पेइंग गेस्ट हाउस के मैनेजर महेन्द्र तिवारी ने बताया कि जब से मोदी जी ने कॅारिडोर का उद्घाटन किया है तब से बनारस में ऑफ सीजन खत्म हो गया है। मई-जून के महीने में कभी रुम की बुकिंग इतनी होती ही नहीं थी, होटल के कमरे खाली मिलते थे, लेकिन जब से कॅारिडोर बना है मई जून सीजन में बदल गया है। उन्होंने आगे बताया कि कई महीने पहले से कमरों की बुकिंग हो जा रही है, 95 प्रतिशत बुकिंग फुल है।



 


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