बनारसी साड़ी पर सजी राम दरबार की झांकी, विदेशों में भी भारी डिमांड

Update: 2023-03-30 04:11 GMT

वाराणसी। आज पूरे देश में भगवान राम के जन्मोत्सव रामनवमी का पावन पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जा रहा। जहां एक ओर अयोध्या में भी यह उत्सव मनाने की खास तैयारी की गई है, वहीं दूसरी ओर वाराणसी के बुनकरों ने राम दरबार की झांकी को बनारसी साड़ी व दुपट्टे पर उकेरा है, जिसे देश ही नहीं बल्कि विदेश के भी लोग पसंद कर रहे हैं। इतना ही नहीं रामनवमी पर ऑर्डरों की भरमार है।




 


बुनकर ने बताया कि हमने राम मंदिर के शिलान्यास के समय इस डिजाइन को तैयार किया था। अब भगवान राम का आशीर्वाद हमारे लिए वरदान बनता जा रहा है, क्योंकि हमारे पास देश-विदेश से दर्जनों की संख्या में दुपट्टे बनाने के ऑर्डर आ रहे हैं।

विदेशों मे भी हो रही डिमांड

बुनकर सर्वेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि हमने राममंदिर की साड़ी और दुपट्टा दोनों बनाया हुआ है। भगवान राम का जो मंदिर बन रहा है उसी की आकृति को उसमें उकेरा गया है। उन्होंने बताया कि जितने भी राम भक्त हैं इसे पसंद कर रहे हैं. इतना ही नहीं विदेशों में भी जो भारतीय बैठे हैं वे भी काफी डिमांड कर रहे हैं।

साड़ी के आंचल पर उकेरा गया राम मंदिर का मॉडल

सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि इसे इस तरह से तैयार गया है कि राम मंदिर को आप सजावट के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कपड़ा बचता है उसे आप दूसरे किसी इस्तेमाल में ले सकते हैं। अगर साड़ी के तौर पर पहनना चाहते हैं तो यह मंदिर की आकृति आंचल पर बनी हुई है, जोकि पहनने वाले के सिर पर आएगा। भगवान का आशीर्वाद आपके सिर पर हमेशा बना रहेगा।



दुपट्टे की कारीगरी में लगता है इतना समय

उन्होंने साड़ियों की बिक्री के सवाल पर बताया कि साड़ी से ज्यादा दाम दुपट्टे का है. दुपट्टे में दोनों तरफ राम मंदिर बना हुआ है. राम मंदिर बनाने में ही ज्यादा वक्त लगता है क्योंकि उसमें उचंत कला का काम होता है. एक दुपट्टा बनाने में तीन महीने लगे हैं, जबकि एक साड़ी बनाने में 2 महीने का वक्त लगा है। सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि साड़ी की कीमत 35,000 रुपये है, जबकि दुपट्टा 50,000 रुपये का पड़ता है। इसकी डिमांड राम भक्तों में अच्छी है।

Similar News