पहले मंदिर धार्मिक स्थान थे, अब व्यवसाय के स्थान बनते जा रहे - स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

Update: 2023-03-20 14:09 GMT

वाराणसी। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोमवार को मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पहले मंदिर धार्मिक स्थान थे, लेकिन अब यह व्यवसाय के स्थान बनते जा रहे हैं। तीर्थ यात्रा के स्थान पर ये पर्यटक स्थान में परिवर्तित होने लगे हैं। अब केवल विश्वनाथ मंदिर के बारे में चर्चा करने से नहीं होगा। परिस्थिति यह है कि हर मंदिर के बारे में हम लोग को सजग होना होगा और उसके मूल स्वरूप की रक्षा के लिए खड़ा होना होगा।

घाट किनारे टेंट सिटी लगा देने से गंगा की सेवा नहीं होती

वहीं उन्होंने गंगा की सफाई को लेकर कहा कि घाट के किनारे टेंट सिटी लगाकर जगमग करने से गंगा की सेवा नहीं होती। गंगा जी के जल का स्वच्छ होना जरुरी है। अगर सफाई की बात करनी है तो यह देखिए कि उसका जल कितना साफ है उसमें प्रदूषण कितना कम हुआ, प्रवाह और गति तेज होनी चाहिए। तब हम मानेंगे कि आपने गंगा को अविरल व स्वच्छ बनाने का काम किया।

काशी में जल्द ही बनेगा 10 हजार बच्चों का गुरुकुल

उन्होंने आगे कहा कि हमारे गुरु जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती जी महाराज की अंतिम इच्छा थी कि 10 हजार बच्चों का एक गुरुकुल बनाया जाए, जिससे भारतीय संस्कृति की शिक्षा बच्चों को मिल सकें। उसी क्रम में हम उनकी इच्छा को पूरा करते हुए प्रयास कर रहे है और काशी में जल्द ही 10 हजार बच्चों का एक गुरूकुल परिसर का निर्माण करेंगे।

बच्चों को गुरुकुल शिक्षा की पद्धति से अध्यन-अध्यापन कराया जाए

उन्होंने बताया कि जगतगुरु शंकराचार्य ने देश की आजादी में भाग लिया था, वे स्वतंत्रता सेनानी थे और सोचते थे कि जब देश आजाद हो जाएगा तो हमें यहां धर्म पालन की छूट होगी और धार्मिकता बढ़ जाएगी, लेकिन भारत के आजाद होने के बाद लंबे समय तक उन्होंने अनुसरण किया तो पाया यहां तो कुछ और ही हो रहा है, इसलिए वह बार-बार कहते थे कि अगर हम जानते कि आजाद होने के बाद भारत विदेश हो जाएगा तो हम आजादी की लड़ाई में भाग नहीं लेते। उनके मन में पछतावा था। तो हम लोग चाहते है कि बच्चों को गुरुकुल शिक्षा की पद्धति से अध्यन-अध्यापन कराया जाए और इन बच्चों को समाज में भेजा जाएगा। जब ये बच्चे देश का नेतृत्व करेंगे तो देश का वातावरण बदलेगा और इसी दृष्टि से उनकी अंतिम इच्छा को पूरा करना अपना कर्तव्य समझते हैं।

उन्होंने बातया कि इसी क्रम में हमने मध्यप्रदेश में 108 बच्चों का गुरुकुल बनाया है। जबलपुर में भी 1008 बच्चों के गुरुकुल परिसर का शिलान्यास हो चुका है। अब सर्वविद्या की राजधानी काशी में 10 हजार बच्चों का गुरुकुल परिषर प्रारंभ करने का प्रयास है उसको भी जल्द ही तैयार किया जाएगा।

सनातन धर्म में नेतृत्व का अभाव

स्वामी जी ने आगे कहा कि आज सनातन धर्म में नेतृत्व का अभाव हो गया है। ये छोटे-छोटे टुकड़ों का नेतृत्व हो गया है, कोई किसी के साथ नहीं चल रहा है। इसकारण सनातन धर्म कमजोर हो गया है और जहां भी कोई कमजोर होता है हर आदमी उसके खिलाफ खड़ा हो जाता है।

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