वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर स्थित तलगृह (व्यास जी का तहखाना) में हो रही पूजा के खिलाफ मसाजिद कमेटी की याचिका पर आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल नमाज और पूजा में कोई रोक नहीं और उसे यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि बिना हमारी अनुमति के इसमें बदलाव नहीं किया जाएगा।

बता दें कि चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले को लेकर हिंदू पक्ष (व्यास परिवार) को नोटिस जारी किया और उनसे जवाब मांगा है। इस पर व्यास परिवार के वकील श्याम दीवान ने औपचारिक नोटिस जारी करने का विरोध किया। वकील ने कहा कि अभी निचली अदालतों में मामले का पूरी तरह निपटारा नहीं हुआ। इस समय सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत नहीं है। इससे पहले सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुए वकील हुजैफा अहमदी ने दलील दी।

मुस्लिम पक्ष ने अपने दलील में कहा कि व्यास तहखाने मामले में कब्जा देने के आदेश में 7 दिन का समय दिया गया था, लेकिन सरकार ने इसे तुरंत लागू कर दिया। हाईकोर्ट से भी हमें राहत नहीं मिली है, सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस पर रोक लगाना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्‍ट‍िस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने पूछा क‍ि क्या तहखाने और मस्जिद में जाने का एक ही रास्ता है?

इस पर मुस्‍ल‍िम पक्ष के वकील अहमदी ने कहा क‍ि तहखाना दक्षिण में है और मस्जिद जाने का रास्ता उत्तर में है। इस पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा क‍ि नमाज और पूजा पर जाने के ल‍िए रास्‍ता अलग-अलग है तो ऐसे में हमारा मानना है क‍ि दोनों पूजा पद्धति में कोई बाधा नहीं होगी। हम यह निर्देश देते हैं कि फिलहाल नमाज और पूजा दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे।

Vipin Singh

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