वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग (DST) में आज कॉस्मोलॉजी, फिजिक्स एंड एस्ट्रोनॉमी पर वर्कशॉप का आयोजन हुआ। इस दौरान IIT-गांधीनगर के खगोलविद प्रो. आनंद सेनगुप्ता ने कहा कि भारत अगले 5 साल बाद स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काफी आगे होगा। दुनिया भर के लोग भारत की स्पेस तकनीक की मिसाल देंगे। DST के खगोल साइंटिस्ट डॉ. राघवेंद्र चौबे और डॉ. अलकेंद्र सिंह के साथ मिलकर जल्द ही ब्रह्मांड के रहस्यों को डिकोड करेंगे। इसके लिए भारत में एक वेधशाला की शुरुआत की जा रही है।

उन्होंने बताया कि BHU के साथ मिलकर मैग्नेटिक वेव्स पर काम शुरू किया जाएगा। यहां से प्रतिभावन स्कॉलर्स और साइंटिफिक सोच के युवाओं को इस बड़े अनुसंधान में मौका दिया जाएगा। चूंकि, BHU भारत का ऐसा पहला संस्थान है, जिसने एस्ट्रोनॉमी में देश को दिशा दी। दुनिया के सामने लाकर खड़ा कर दिया।

यहां से निकले प्रो. नार्लीकर, प्रो. वीएन दासनचर्या, प्रो. यूआर रॉव और प्रो. ओएन श्रीवास्तव समेत बहुतेरे सुप्रसिद्ध विद्वानों ने देश को स्पेस टेक्नोलॉजी में नया आयाम दिया। इस लिहाज से अब BHU को फिर से उसी स्टेज पर आना होगा।

Ankita Yaduvanshi

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