वाराणसी में अक्टूबर महीने के बाद गंगा पार रेती पर बार दूसरी टेंट सिटी बसने वाली थी, लेकिन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT), नई दिल्ली के 4 जजों की पीठ ने इस पर अंतरिम रोक लगा दी गई है। टेंट सिटी निर्माण पर तत्काल प्रभाव से अगली सुनवाई तक स्टे दिया है। वहीं, अगली सुनवाई में उत्तर प्रदेश पर्यावरण विभाग के मुख्य सचिव और यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव को तलब भी किया है। इस केस से जुड़े एडवोकेट सौरभ तिवारी ने ये जानकारियां दी हैं।

एडवोकेट सौरभ तिवारी ने कहा कि अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी, तब तक तो टेंट सिटी के निर्माण पर रोक लग गई है। सौरभ तिवारी ने कहा कि NGT ने सुनवाई के दौरान नमामि गंगे के सदस्यों से पूछा कि यह आप क्या कर रहे हैं। एक तरफ आप हजारों करोड़ गंगा पर खर्च कर रहे हैं और दूसरी ओर सब बर्बाद कर रहे हैं। NGT ने काफी तल्ख टिप्पणी की है। NGT ने NMCG और बाकी मशीनरी को यह भी कहा है कि गंगा नदी से जुड़े जो भी नोटिफिकेशन हैं, उन्हें 3 सप्ताह में जवाब फाइल करें। NMCG ने कहा कि हम इसके एप्लीकेशन पर 15 दिन में फैसला लेंगे।

टेंट सिटी आम लोगों से नहीं करती कनेक्ट

सौरभ तिवारी के अनुसार, वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) की ओर से कोर्ट में जवाब दिया गया कि यह टेंट सिटी आम लोगों को कनेक्ट करने की एक पहल है। इस पर कोर्ट ने पूछा कि इस परियोजना में आम आदमी कहां है? इसके कॉटेज के महंगे चार्ज का भुगतान तो आम आदमी कर ही नहीं पाएगा। 40-50 हजार रुपए है इसकी इंट्री फीस। इसे हम लोग नहीं दे सकते तो आम व्यक्ति कहां से देंगे। यह केवल धनवानों को कनेक्ट करने का प्लान है। कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी इस योजना में आम गरीब आदमी कहां से पैसे दे पाएगा ?

Ankita Yaduvanshi

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