वाराणसी। चैत्र नवरात्र अब अपने अपने अंतिम सोपान की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में नवरात्र के अष्टमी तिथि पर श्रद्धालुओं ने महागौरी (अन्नपूर्णा) और मंगलागौरी के दरबार में हाजिरी लगाई। नवरात्र के आठवें दिन गौर के दर्शन में मां मंगला गौरी के दर्शन की मान्यता है।

मां मंगलागौरी

वहीं शक्ति के उपासक इस दिन महागौरी स्वरूपा माता अन्नपर्णा के दर्शन का करते हैं। धर्म की नगरी काशी में मां मंगला गौरी का अतिप्राचीन मंदिर पंचगंगा घाट के समीप स्थित है। वहीं माता अन्नपूर्णा का मंदिर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है।


भोर से ही लोग मां का दर्शन पूजन कर रहे हैं। माता के दर्शन पाने के लिए भक्त कतारबद्ध मंदिर में दर्शन के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। कोई नंगे पावं ही माता के दर्शन करने दरबार में पहुंच रहा है तो कई विकलांग भी मां की ड्योढी पर शीष नवाने पहुंचे हैं।


माता अन्नपूर्णा के दरबार 11 या 108 फेरे लगने की मान्यता

माता अन्नपूर्णा धन-धान्य की देवी हैं। आज के दिन भक्त मनोकामना पूरी होने पर माता के 11 या 108 फेरी भी लगाते हैं जिसके लिए अलग से व्यवस्था की गई है। मां के दर्शन पूजन से सभी प्रकार की मनोकामना पूर्ण होती है।


नहीं सोता कभी कोई भूखा

मां अन्नपूर्णा का मंदिर वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप ही स्थित है। मां की कृपा से कोई भूखा नहीं सोता। कहा जाता है कि माता के दर्शन-पूजन से भक्त कभी दरिद्र नहीं होते हैं और मां की कृपा उन पर हमेशा बनी रहती है। कहते हैं कि देवी की आराधना से व्यक्ति के समस्त प्रकार के अमंगलों का क्षय हो जाता है।


मां मंगला गौरी के दर्शन से मंगल दोष होते हैं दूर

मंगला गौरी मंदिर की मान्यता है कि एक निश्चित तिथि शुभ दिन से पांच मंगलवार, सात मंगलवार और 14 मंगलवार दर्शन करने से कुमकुम अर्चन करने से सोना दान करने और अभिषेक करने से सभी युवक-युवतियों को सौभाग्य प्राप्ति होती है। विवाह संपन्न होता है. मंगल का दोष भी खत्म हो जाता है।

Vipin Singh

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