मुख़्तार अंसारी की माफियागिरी ख़त्म होने के बाद से ही चारों ओर एक ही नाम के चर्चे हैं. वह नाम है, ‘IPS अनुराग आर्य’ का. जिन्होंने मुख़्तार की सल्तनत पर पहली कील तो ठोंकी ही, साथ ही उसकी सल्तनत को मिट्टी में मिला दिया. आज हम जानेंगे उन्हीं तेज तर्रार आईपीएस अनुराग आर्य के बारे में -

उत्तर प्रदेश के माफियाओं के खिलाफ चल रही कार्रवाई के बीच अचानक 2013 बैच के तेजतर्रार IPS अनुराग आर्य चर्चा में आ गए हैं। अनुराग आर्य वही IPS अधिकारी हैं, जिन्होंने पहली बार माफिया मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माणों पर बुलडोजर चलाकर उसकी सल्तनत को मिट्टी में मिला कर रख दिया था। यूपी के मऊ जिले के खूंखार माफिया मुख्तार अंसारी पर ऐसी कड़ी कार्रवाई करने वाले अधिकारी थे।



2019-20 में मुख़्तार के 26 गुर्गों पर कार्रवाई

अनुराग आर्य ने वर्ष 2019 से 2020 तक मऊ में तैनाती के दौरान मुख्तार अंसारी गैंग पर बड़ी कार्रवाई की। उन्होंने अवैध बूचड़खाने चलाने वाले मुख्तार अंसारी गैंग के 26 गैंगस्टरों के खिलाफ कार्रवाई की। साथ ही मुख्तार के शूटर अनुज कनौजिया का घर बुलडोजर से गिरवा दिया। अनुराग ने 2020 में मुख्तार अंसारी पर मुकदमा दर्ज किया। वर्ष 2013 के बाद यह पहला मौका था, जब मुख्तार पर कोई केस दर्ज हुआ। उन्होंने मुख्तार की काली कमाई के रिसोर्सेज पर हमला किया और उसके गुर्गों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।




IPS अनुराग आर्य का परिचय

IPS अनुराग आर्य (Anurag Arya) यूपी के बागपत जिले के एक छोटे से गांव छपरौली के रहने वाले हैं। वे अपनी मां डॉ० पूनम आर्य और पत्नी वनिका सिंह के साथ रहते हैं। वनिका सिंह भी पीसीएस अधिकारी हैं, जबकि उनकी मां होम्योपैथी डॉक्टर हैं। आर्य के पिता भी एक डॉक्टर हैं।

जिस विषय से खाया खौफ, उसी को बनाया हथियार

अनुराग की सातवीं क्लास तक की पढ़ाई गांव की सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में हुई। एक वेबसाइट की खबर के मुताबिक, उस समय उन्हें इंग्लिश से काफी डर लगता था। बावजूद इसके उन्होंने इंग्लिश को ही हथियार बनाने का फैसला किया। वर्ष 2008 में उनका एडमिशन देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री स्कूल (IMS) में हो गया। यहां उनकी पर्सनालिटी काफी डेवलप हुई। इस दौरान उन्होंने घुड़सवारी माउंटेनियरिंग और राफ्टिंग जैसे स्पोर्ट्स इवेंट में कई मेडल जीते।



BHU से किया ग्रेजुएशन

इसके बाद उन्होंने यूपी के प्रसिद्ध बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से फिजिक्स में ग्रेजुएशन पूरा किया। बाद में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी में एमएससी (M.Sc.) में एडमिशन ले लिया। हालांकि एमएससी में अनुराग जो सब्जेक्ट में फेल हो गए। इसके बाद उन्हें जोरो का झटका लगा था। इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। कुछ दिन बाद उन्होंने यूपीएससी (UPSC) की तरफ रुख कर लिया और फाइनली तय किया कि उन्हें IPS अधिकारी बनना है।




8 महीने RBI की नौकरी, फिर बने IPS

2013 में जब अनुराग ने यूपीएससी सिविल सेवा की परीक्षा पास की। संयोगवश उसी वर्ष उनका सिलेक्शन आरबीआई (RBI) में मैनेजर पद पर हो गया था। उन्होंने आरबीआई की नौकरी ज्वाइन भी कर ली। कानपुर में 8 महीने तक रहकर उन्होंने आरबीआई की नौकरी की। इस दौरान IPS बन गए। उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग 163 थी, जिसके बाद उन्होंने आरबीआई की नौकरी छोड़ दी। शुरुआत में अनुराग ढाई वर्षो में 4 जिलों के एसपी (SP) बने। ढाई वर्ष के दौरान वह 6 महीने अमेठी, 4 महीने बलरामपुर, 14 महीने मऊ और 5 महीने प्रतापगढ़ में एसपी (SP) रहे।

Updated On 28 May 2023 12:25 PM GMT
बनारसी नारद

बनारसी नारद

Next Story