वाराणसी। अयोध्या में पौष शुक्ल की द्वादशी यानी 22 जनवरी, 2024 को गर्भगृह में रामलला के नूतन विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बनारस की लगभग 50 शीर्ष हस्तियों को आमंत्रित किया है। इन हस्तियों में बनारस के प्रमुख संत, साहित्य-कला, संगीत-संस्कृति और उद्योग जगत से जुड़े लोगों के नाम हैं। बता दें कि खास बात तो यह है कि सूची में राजनीतिक क्षेत्र के लोगों के नाम नहीं हैं।

श्रीकाशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री गोविन्द शर्मा को आमंत्रण पत्र बांटने का कार्य सौंपा गया है। इस अवसर पर आमंत्रण पत्र में सभी से उपस्थित रहकर प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनने का आग्रह किया गया है। बता दें कि यह काम बीते शुक्रवार से शुरू कर दिया गया था। गोविंद शर्मा ने बताया कि अयोध्या में यह कार्यक्रम तीन घंटे चलेगा। पूरे देश से करीब सात हजार विशिष्ट जनों को आमंत्रित किया गया है और इनमें भारत की प्रत्येक परंपरा से जुड़े चार हजार संत होंगे। उनके आवास और भोजन की व्यवस्था टेंट सिटी में होगी।

उन्होंने आगे यह भी बताया कि बनारस के जूना अखाड़ा, महानिर्वाणी, उदासीन, निर्मल, बैरागी अखाड़ों के अलावा पद्म सम्मान से सम्मानित विद्वतजनों को निमंत्रित किया गया है।

बता दें कि इनमें अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जीतेन्द्रानन्द सरस्वती, महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, पातालपुरी के महामंडलेश्वर महंत बालक दास, अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी, रामकमल दास वेदांती, रविदास मंदिर के महंत भारत भूषण, कबीर मठ के गोविन्द दास शास्त्री, श्रीकाशी विद्वत परिषद के अध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी, संकटमोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वम्भर नाथ मिश्र, पद्मश्री राजेश्वर आचार्य, स्वामी शिवानन्द, पद्मश्री ऋत्विक सान्याल, बीएचयू के प्रो. रामनारायण द्विवेदी आदि लोग उपस्थित होंगे।

आमंत्रण में क्या अनुरोध किए गए हैं?

1. 20 जनवरी को पहुंचने के लिए संतों से कहा गया है।

2. सभी अतिथियों के पास आधार कार्ड ज़रूर होना चाहिए।

3. सभी को कार्यक्रम स्थल पर सुबह 11 बजे से पहले पहुंचना होगा।

4. एक निमंत्रण पर एक ही व्यक्ति आ सकता है।

Rishika Kukrety

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