चितईपुर थाने में भाजपाइयों का हाई वोल्टेज ड्रामा; FIR नहीं लिखने पर थाने में ही हुए धरनारत, लगाए पुलिस विरोधी नारे
वाराणसी। चितईपुर थाने में देर रात हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। BHU की रिपोर्ट नहीं लिखने पर भाजपा नेताओं ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोला और थाने में ही जमकर हंगामा किया। सैकड़ो भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यह हंगामा थाना परिसर में लगभग 5 घंटे तक चला। इस दौरान पूरे क्षेत्र में पुलिस मुर्दाबाद के नारे गूंजते रहे। वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं ने थाने के SO को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग की।
इतना ही नहीं इस हमने में कुछ भाजपा पदाधिकारी ने BHU कर्मचारियों की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर दरोगा को उसका कॉलर पड़कर घसीटने की भी कोशिश की थी। धीरे-धीरे इस मामले में तूल पकड़ लिया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने दरोगा के केबिन में घुसकर उन्हें खरी कोटि सुनाई। इस दौरान जब उन्हें थाने के पुलिसकर्मियों ने धक्का देकर बाहर निकाल तो इस हंगामा ने और भी ज्यादा तूल पकड़ लिया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता वहीं थाने में ही धरने पर बैठ गए।
हालांकि महापौर अशोक तिवारी और पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण ने थाने पहुंचकर भाजपा नेताओं को समझाया लेकिन कार्रवाई के बिना कोई मानने को तैयार नहीं हुआ।
बताते चलें कि जब चितईपुर थाने में सो के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोला तो थानेदार से पीड़ित कई नेता व स्थानीय समर्थन भी थाने में पहुंच गए। हर घंटे इस हंगामा में लोगों की भीड़ बढ़ती गई। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और 8 बजे से शुरू हुआ यह हंगामा आग की लपकों के जैसे तेजी से बढ़ता नजर आया।
आक्रोशित भाजपा नेताओं को समझाने का प्रयास आधी रात तक जारी रहा, पुलिस विरोधी नारों के बीच सभी थानेदार के निलंबन पर अड़े थे। जेसीपी से वार्ता और आश्वासन के बाद देर रात लगभग एक बजे मामला समाप्त हुआ लेकिन लोग यह कहकर लौटे कि कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन करेंगे।
ये है मामला
वाराणसी के करमाजीतपुर निवासी राजेंद्र सिंह पटेल BHU में कर्मचारी हैं और अपने मकान में रहते हैं। राजेंद्र सिंह पटेल के अनुसार, पड़ोस में रहने वाले लोगों ने उनके बेटे के साथ मारपीट की, उनकी पत्नी पर भी हमला बोल दिया। पड़ोसियों ने घर में घुसकर उत्पात मचाया। लाठी-डंडा और चाकू से किए हमले में घायल उनके घर के विनीत सिंह, अंकित सिंह और कृष्ण सिंह को इलाज कराने की जगह पुलिस थाने ले गई।
तमाम गुहार लगाने के बावजूद न दवा दिलाई न ही अस्पताल ले गए। 2 घंटे तक चितईपुर थाने पर ही उन्हें बैठाया गया। इसकी वजह से घायल अंकित सिंह चितईपुर थाने पर ही बेहोश होकर गिर गया। पुलिस पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा नहीं लिखा। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं ने थाने में पहुंचकर यह हंगामा किया।