वाराणसी। चैत्र मास के पूर्णिमा को हनुमान जयंती पर भक्तों ने गाजे बाजे के साथ भिखारीपुर से 75 फीट ऊंची विशाल ध्वजा यात्रा निकाली गई। जिसे बड़े ही श्रद्धा भाव से संकट मोचन हुनमान को समर्पित किया गया। इस यात्रा में 80 झांकियां शामिल रही। साथ ही परम्परागत वेशभूषा में आरती की थाली लिये पूरी श्रद्धा के साथ महिलाएं नंगे पाँव मंदिर पहुंची। जहां हनुमान लला की सामूहिक आरती और हनुमान चालीसा पाठ कर अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।



यह शोभायात्रा भिखारीपुर तिराहे से नेवादा, सुन्दरपुर, नरिया, लंका होते संकटमोचन दरबार पहुँची। शोभायात्रा में दूर दराज के शहरों सहित बनारस के कनकसराय, मिर्जापुर, रामसिंहपुर, अदलपुरा, कोनियां, डाफी, नुआंव, कंचनपुर, करौंदी, सुन्दरपुर, खोजवां, जानकी नगर, ककरमत्ता, शिवरतनपुर, जलालीपट्टी, दशमी,के साथ ही प्रदेश के बाहर दिल्ली, मुम्बई, अहमदाबाद, सूरत आदि राज्यों से भी भक्त पहुंच के शोभा यात्रा में शमिल होकर अपने जीवन को धन्य बनाते है।




ब्रम्भ मुहूर्त से ही श्रद्धालुओं की भीड़ भिखारीपुर से 18 वर्षो से निकलने वाली शोभा यात्रा में हनुमान ध्वजा और आरती की थाल के साथ श्री हनुमत दरबार पहुंचने लगी। सुबह के 7 बजे के साथ हनुमत सेवा समिति के सदस्य और पदाधिकारी अपने अतिथियों के सानिध्य में मुख रथ पर विराजे राम दरबार के षोडशोपचार पूजन के बाद मुख्य ध्वज और हनुमत की बाल स्वरूप की पालकी पर विराजे बाल हनुमान के पूजन के बाद शिव के सुमिरन और डमरु के डमडम के बीच शंखनाद के साथ भक्तों की कतार राम भक्त दरबार के ओर बढ़ना शुरू हुई।

इस वर्ष के यात्रा का पहला आकर्षण 75 फीट लंबा ध्वज था, इस ध्वज पर जय श्री राम भगवान हनुमान लला की आकर्षक आकृति अंकित थी। जिसे समिति के सदस्य हनुमान लला के जयकारों के साथ फूल वर्षा करते हुए चल रहे थे। इस यात्रा का दूसरा आकर्षण 70 फुट लम्बे वाहन जिसे मुख्य रथ कहा जाता है और इस पर मनोहारी झांकी सजी रहती है जिसपर श्रीसंकटमोचन मंदिर की प्रमुख कीर्तन मंडली रामनाम की अमृत वर्षा की जाती है ।


Updated On 6 April 2023 6:19 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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