ज्ञानवापी परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के सर्वे से मिलीं खंडित मूर्तियां, चिन्ह, आकृतियां, दरवाजे और घड़े के टुकड़े सहित अन्य सामग्रियां सोमवार को कोषागार के लॉकर में रखवाई गईं। एसएसआई ने प्रमाण के तौर पर 250 से ज्यादा सामग्रियां जुटाई हैं, जिसे जिलाधिकारी की सुपुर्दगी में दिया गया।

ज्ञानवापी परिसर में साक्ष्यों को कड़ी सुरक्षा में कलेक्ट्रेट लाया गया। दोपहर से ही साक्ष्य लॉकर में रखवाने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो देर रात करीब 10.30 बजे तक चलती रही। इस दौरान प्रमाण के तौर पर जुटाए गए एक-एक सामग्री को पूरी निगरानी व संजीदगी के साथ रखवाया गया।अपर जिलाधिकारी वाराणसी के जिलाधिकारी के नामित प्रतिनिधि हैं। कोषागार में रखवाई गई सामग्रियों की एक प्रति जिला जज की अदालत में भी दाखिल की गई। जिला जज की अदालत के आदेश पर मिली सुपुर्दगी को जरूरत पड़ने पर जिलाधिकारी न्यायालय में प्रस्तुत करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, ज्ञानवापी परिसर में 93 दिन तक चले एएसआई के सर्वे में सजावटी ईंटें, दैवीय युगल, चौखट के अवशेष, दरवाजे के टुकड़े सहित कई सामग्रियां मिली हैं। प्रमाण के तौर पर संरक्षित की गई सामग्रियों में मगरमच्छ, कच्छप, घोड़ा, यामिनी, कलश, हाथी, सर्प आदि के टुकड़े भी शामिल हैं।

Vipin Singh

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