वाराणसी। वासंतिक नवरात्र की तृतीया तिथि पर सौभाग्य गौरी के दर्शन का विधान है। वहीं शक्ति के उपासक नवत्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा के दर्शन पूजन करते हैं। ऐसे में माता चंद्रघंटा और सौभाग्य गौरी के दर्शन-पूजन के लिए अलसुबह से ही श्रद्धालु कतारबद्ध हैं। श्रद्धालु माता की मंगला आरती से ही उनके दर्शन कर निहाल हो रहे हैं।


वहीं मान्यता है कि माता के दर्शन मात्र से सुख समृद्धि मिलती हैं। सुहागिने माता को प्रसाद के रूप में लाल चुनरी, चूड़ी और नारियल का चढ़ावा चढ़ाया जाता है। मंदिर क्षेत्र में माता के जयकारे गूंज रहे हैं। बताते चलें कि सौभाग्य गौरी का विग्रह विश्वनाथ मंदिर के पास ज्ञानवापी स्थित सत्यनारायण मंदिर परिसर में प्रतिष्ठित है। वहीं माता चंद्रघंटा का मंदिर चौक स्थित चंद्रघंटा गली में स्थित है।


देवी के इस स्वरूप के दर्शन से व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य की वृद्धि होती है। कहते हैं 108 दिन लगातार देवी के दर्शन से मनोरथ विशेष अवश्य पूर्ण होता है।


नवरात्र के मौके पर मंदिर परिसर को भव्य रूप से सजाया और संवारा गया है। मंदिर परिसर में निर्माण के बाद भी सौभाग्य गौरी और माता चंद्रघंटा की मान्यता की वजह से वहां लोगों की आस्था बनी हुई है।


ऐसा कहा जाता है कि उनके दर्शन मात्र से मानव जीवन में सौभाग्य का आगमन होता है और जीवन सफल हो जाता है।

Vipin Singh

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