वाराणसी। भेलुपुर के बैजनत्था क्षेत्र में हुए एक करोड़ 40 लाख की डकैती के मामले में गिरफ्तार चारों आरोपियों के बयान बर्खास्त पुलिसकर्मियों के गले की फांस बन सकते हैं। कानून के विशेषज्ञ बताते हैं कि इस मामले की गहन जांच होगी, तो कई राज खुलेंगे। पर्दे के पीछे रहकर जो भी लोग मोटी रकम डकारे हैं, उन सभी के चेहरे सामने आयेंगे।

ओवरआल बात करें तो डकैती का यह मुकदमा पुलिस पर ही भारी पड़ेगा। पुलिस ने इस मामले में अभी तक गाड़ी के मालिक समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। लेकिन मुकदमे के मुख्य आरोपी सारनाथ के रहने वाले अजीत मिश्रा उर्फ़ गुरुजी, गुजरात के जगदीश पटेल और कथित कार चालक सागर का अब तक पता नहीं लग पाया है। तीनों की तलाश में पुलिस कई जगहों पर दबिश दे रही है।

गौरतलब है कि भेलुपुर अंतर्गत बैजनत्था क्षेत्र से गुजरात की एक फर्म के कार्यालय से 29 मई की रात एक करोड़ 40 लाख रुपए की लूट हुई थी। इस मामले में चार आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं। भेलपुर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत सात पुलिसकर्मी अपराधिक संलिप्तता पाए जाने के कारण बर्खास्त किए जा चुके हैं। पुलिस अब उनपर लगाम कसने की तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार, बर्खास्त पुलिसकर्मियों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा सकती है।

मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ है। पुलिस उसकी तलाश में दबिश देने के साथ ही उसपर ईनाम घोषित करने की तैयारी में है। इसके अलावा पुलिस उसकी संपत्तियों को की कुर्की का आदेश कोर्ट से प्राप्त करने में भी जुटी हुई है।

इस सम्बन्ध में भेलुपुर इंस्पेक्टर राजेश सिंह ने बताया कि अजीत मिश्रा सहित तीन आरोपियों की तलाश में पुलिस की दबिश लगातार जारी है। अजीत के खिलाफ जल्द ही उच्चाधिकारियों के स्तर से ईनाम घोषित किया जाएगा। मुकदमे की विवेचना में बतौर आरोपी जिसका भी नाम आएगा, वह किसी भी अवस्था में वैधानिक कार्यवाही से बच नहीं पाएगा।

बनारसी नारद

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