वाराणसी। बाबा भोलेनाथ के धाम यानि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से एक बड़ी खबर आ रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में अब हौद भराई पूजा नहीं होगी, उसपर रोक लगा दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने इसके लिए आदेश दे दिया है और इसे तत्काल लागू करने को भी कहा है। वहीं मंदिर के ऑनलाइन पोर्टल पर भी इसकी बुकिंग भी बंद कर दी गई है। दरअसल, हौद भराई पूजा को अशास्त्रीय बताते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने इस पर रोक लगाया है।

बता दें कि बाबा विश्वनाथ के मंदिर में हौद भराई की पूजा लंबे समय से चली आ रही थी। इसके तहत 580 लीटर दूध से श्रद्धालु बाबा का अरघा भरवाते थे। इसके लिए 25 हजार 450 रुपये शुल्क लगता था। इसमें मंदिर की फीस 2250 रुपये और पूजन सामग्री पर 23 हजार दो सौ रुपये खर्च होते थे। मंदिर में भीड़ के कारण हौद भराई की पूजा से श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन करने में भी परेशानी होती थी। श्रद्धालुओं की शिकायत के बाद मंदिर प्रशासन ने जब इसकी जांच कराई तो पता चला कि हौद भराई की परंपरा शास्त्रीय नहीं है।

मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि हौद भराई की परंपरा का कहीं से कोई पुराणोक्त प्रमाण नहीं मिलता है। भगवान का विग्रह बाल स्वरूप माना जाता है और बालक को दूध पिलाया जाता है उसे दूध में डुबोया नहीं जाता है। पूजा में समय भी लगता था इस दौरान दर्शन पूजन की प्रक्रिया भी बाधित होती थी। वहीं हौद भराई में कुछ गड़बड़ियों की भी शिकायत मिली थी।

Vipin Singh

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