वाराणसी। अंजुमन हैदरी संस्था की ओर से शहर की मातमी अंजुमनों के आह्वाहन पर गुरवार को जुलूस निकाला गया। काली महल स्थित शिया मस्जिद से उठकर जुलूस अपने कदीमी रास्तों से उठकर नई सड़क, दालमंडी, चौक, मैदागिन, विशेश्वरगंज होते हुए दारानगर स्थित शिया जामा मस्जिद पहुँचकर जलसे में बदल गया। अंजुमन हैदरी के प्रेसिडेंट सैय्यद अब्बास मुर्तुज़ा शम्सी के निर्देशन एवं जनरल सेक्रेटरी नायब रज़ा के संयोजन में चल रहे इस जुलूस में बनारस के सभी मातमी अंजुमन शामिल हुए।

जुलूस में चल रहे हज़ारों अकीदतमंद "आले सऊद होश में आओ.. ज़हरा का रौज़ा जल्द बनाओ" की आवाज़ बुलंद करते रहे। बनारस के उलेमा की क़यादत में चलने वाला ये जुलूस जब शिया जामा मस्जिद पहुँचा तो जलसे का आयोजन हुआ। इस जलसे में शामिल होते हुए मौलाना तौसीफ़ अली, मौलाना अमीन हैदर एवं हाजी फ़रमान हैदर ने भारत सरकार से मांग करए हुए कहा कि वो उनकी आस्था का मान रखते हुए सऊदी सरकार पर दबाव बनाए और उनकी मांग को पूरा करने की कोशिश करे।

जलसे के बाद मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना अक़ील हुसैनी ने कहा कि कल जब मुहम्मद साहब के घर वाले इस दुनिया में थे तब भी उन्हें चैन से रहने नहीं दिया गया और सब को शहीद किया गया और आज भी उनकी क़ब्रों को ढहा कर ज़ुल्म का सिलसिला जारी है, जिसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

Vipin Singh

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