वाराणसी। आज पूर्व जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश अपना बंगला खाली कर नोयडा के लिए निकल रहे थे, तभी प्रबोधिनी फाउण्डेशन सहित दर्जनों सामाजिक संगठनो के प्रतिनिधियो सहित लगभग वाराणसी जनपद के सभी न्यायाधीश व कर्मचारी भावुक हो उठे। उन्हें भावभीनी विदाई माल्यार्पण, पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र सहित स्मृति चिन्ह देकर विदा किये।

पूर्व जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश विदाई के समय भावपूर्ण स्वागत से गदगद होकर भावुक हो गये और कहा कि काशी की संस्कृति, काशीवासियों सहित अधिवक्ताओ का निराला व निश्छल स्वभाव ने मेरा दिल जीत लिया है, जिससे काशी से मेरा आत्मीय लगाव हो गया है। काशी के लोगों से मिला प्यार व सम्मान मुझे काशी के प्रति और जिम्मेदार बना दिया, यहां के लोगों के उच्च और आदर्शवान विचार को मैं आत्मसात कर अपने आगे के जीवन मे उसका उपयोग करूंगा, काशी से मै भले दूर जा रहा हूं, लेकिन काशी से भावनात्मक और दिली लगाव आजीवन बना रहेगा।

पूर्व जिला जज को पुष्प गुच्छ व अंगवस्त्र से सम्मानित करते हुये प्रबोधिनी फाउण्डेशन के महासचिव विनय शंकर राय "मुन्ना" ने कहा कि काशी के कण कण मे महादेव विराजते है तो काशी के जन जन के हृदय मे अपने ऐतिहासिक कार्य एवं निर्णय से अजय कृष्ण विश्वेश ने अमिट जगह बना ली है।

नीरज सिंह ने कहा कि ज्ञानवापी केस तहखाने मे पुनः पूजा का आदेश देकर भारत के जन जन मे न्याय के प्रति आस्था बढ़ा दी है। जिला जज को भावभीनी विदाई देने मे जनपद के न्यायाधीश व न्यायालय के कर्मचारियों सहित मुख्य रूप से स्वामी सहजानन्द शोध संस्थान के संयोजक नीरज सिंह, वर्ल्ड प्रोफेशनल रेसलिंग हब के मुख्य प्रबन्धक मृत्युंजय महादेव सिंह, प्रबुद्धजन काशी के समीर सिंह "विशाल" एवं डा संजय सिंह गौतम, अजीत यादव आईकान, डा विकास राय काशी विद्यापीठ, कृष्ण मूर्ति सिंह गंगा युवा भक्त समाज सहित अन्य लोग शामिल थे।

Ankita Yaduvanshi

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