वाराणसी। चोलापुर थाना क्षेत्र के धरसौना क्षेत्र में एक नर्सिंगहोम संचालित करने वाले डॉक्टर को लक्ष्य कर शिवपुर क्षेत्र में रिंग रोड पर तीन राउंड फायरिंग की गई। वो कहते हैं न कि जाको रखे साइयां, मर सके ना कोय. ऐसा ही डॉक्टर के साथ भी हुआ, संयोग अच्छा था कि गोली डॉक्टर के सिर को छूते हुए निकल गई और वह बाल-बाल बच गए। प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में डिस्चार्ज कर दिया गया।

घटना के संबंध में डॉक्टर की तहरीर के आधार शिवपुर थाने में संजीव सिंह और उसके भाई सूरज सिंह के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया है। बलिया जिले के चितबड़ागांव थाना के नसीरपुर कलाम के मूल निवासी और गिलट बाजार क्षेत्र में रहने वाले डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने बताया कि वह धरसौना में नर्सिंगहोम संचालित करते हैं।

प्रकरण के मुताबिक, बीते 22 अगस्त को संजीव सिंह और उसका भाई सूरज सिंह पांच-छह अज्ञात लोगों के साथ उनके हॉस्पिटल पर आकर उन पर जानलेवा हमला किए थे। इस संबंध में उनके द्वारा चोलापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। उसके बाद से ही उन लोगों द्वारा उनका पीछा किया जा रहा था और समझौता करने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। रविवार देर रात वह भोजूबीर में एक मरीज को देखकर अपने हॉस्पिटल जा रहे थे । शिवपुर क्षेत्र में रिंग रोड पर सीएनजी पेट्रोल पंप से पहले रुक कर वह लघुशंका किए और कार में बैठे। उसी दौरान बाइक सवार संजीव और सूरज ने उन्हें लक्ष्य कर तीन राउंड फायरिंग की। असलहे से निकली एक गोली उनके सिर को छूते हुए निकल गई।

इस संबंध में शिवपुर थानाध्यक्ष वैद्यनाथ सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर नामजद आरोपियों की तलाश में पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं।

पुलिस की लापरवाही से बढ़े बदमाशों के हौसले

डॉक्टर अरुण कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने बीते 22 अगस्त को आरोपियों के खिलाफ चोलापुर थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस को सीसी कैमरे की फुटेज भी दी थी। इसके बावजूद आरोपियों पर चोलापुर थाने की पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस वजह से आरोपियों का मन बढ़ता चला गया और उन्होंने उनका पीछा कर उनकी हत्या की नियत से उन पर फायरिंग की। वह तो संयोग अच्छा था कि उनकी जान बच गई।

एक लाख रुपये के लेनदेन का है विवाद

डॉक्टर अरुण कुमार सिंह के अनुसार उन्होंने और संजीव सिंह ने दिसंबर 2022 में चांदमारी में पार्टनरशिप में हॉस्पिटल खोला था। संजीव की मनमानी पर उन्होंने उससे किनारा करके धरसौना में अपना अलग हॉस्पिटल खोल लिया। उस दौरान संजीव पर उनका एक लाख रुपये बकाया था। संजीव ने उनसे पैसा देने के लिए 15 दिन की मोहलत मांगी थी। इसके बाद संजीव पैसा देने में हीलाहवाली करने लगा। 22 अगस्त को पैसा मांगने पर संजीव ने गालीगलौज करते हुए जान से मारने की धमकी दी। उसी दिन संजीव के भाई सूरज ने अपने साथियों के साथ उन पर जानलेवा हमला किया।

बनारसी नारद

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