वाराणसी। सिविल जज सीनियर डिवीज़न शिखा यादव की अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी के संबंध में श्रावण मास में अधिमास के हवाला देकर पूजा पाठ करने के लिए एक और वाद दाखिल किया गया है। कोर्ट ने वाद की प्रक्रिया के नोटिस के छूट देते हुए मूल वाद के रूप में दर्ज करने के आदेश दिया। साथ ही अगली सुनवाई के लिए पांच अगस्त को तिथि नियत की है।

प्रकरण के अनुसार, शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के शिष्य आदि विश्वेश्वर डोली, रथ यात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी शैलेन्द्र योगीराज सरकार ने अपने अधिवक्ता अधिवक्ता डाक्टर एस० के० द्विवेदी उर्फ़ बच्चा के माध्यम से कोर्ट में वाद दाखिल किया। वाद पत्र में कहा गया कि हमलोग सनातनी श्रावण मास के अधिमास में मिट्टी का पार्थिव शिव लिंग बना कर पूजा करते हैं। जबकि ज्ञानवापी परिसर में साक्षात् शिव लिंग प्रकट हुआ है। ऐसे में श्रावण मास के इस अधिमास में उस प्रकट शिव लिंग का पूजा अर्चन किया जाना अत्यंत आवश्यक है इसलिए हम सनातनियो को अति शीघ्र ज्ञानवापी परिसर में प्रकट हुए आदि विश्वेश्वर की पूजा-अर्चना राग भोग करने के अनुमति देने को गुहार लगाई गई।

बनारसी नारद

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