वाराणसी। वाराणसी के कोयला व्यापारी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के बाद उसके भाई व परिवार को धमकाने के मामले में सोमवार को एमपी/एमएलए कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए कोर्ट) उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने अभियोजन पक्ष की अर्जी खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने प्रार्थना पत्र देकर एक और अवसर देने का अनुरोध किया था। अदालत ने मामले की सुनवाई के लिए तीन अगस्त की तारीख निर्धारित की है। मामले के मुख्य आरोपी मुख़्तार अंसारी को कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश करने का आदेश दिया है। मुख्तार का बयान भी दर्ज किया जाएगा।

सोमवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की तरफ से प्रार्थना पत्र दिया गया कि उक्त प्रकरण में आरोपी मुख्तार अंसारी का बयान दर्ज किए जाने की तिथि तय है। विशेष न्यायाधीश (एमपी- एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है। अग्रिम आदेश होने तक मुकदमे में समय प्रदान करने का अनुरोध किया गया। अदालत की तरफ से कहा गया कि अभियोजन पक्ष को कई अवसर पहले प्रदान किए जा चुके हैं। दोबारा अवसर मांगना ठीक नहीं है। इसलिए प्रार्थना पत्र खारिज किया जा रहा है।

ये है पूरा मामला

भेलुपुर थाना अंतर्गत रविंद्रपुरी कॉलोनी निवासी कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण कर लिया गया था। इसकी विवेचना चल रही थी। इसी बीच पांच नवंबर 1997 की शाम नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रूंगटा को फोन पर धमकी दी गई। जिसमें कहा गया कि अपहरण कांड में पुलिस या सीबीआई में पैरवी न करें, नहीं तो बम से उड़ा दिया जाएगा। महावीर प्रसाद की तहरीर पर एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने की पुलिस ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में महावीर रूंगटा के चालक को बयान देने के लिए कई बार अदालत ने तलब किया, लेकिन वह नहीं आया। इस पर अदालत ने चालक के बयान देने का अवसर समाप्त कर दिया। इसी आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अभियोजन की तरफ से याचिका दाखिल की गई है।

बनारसी नारद

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