वाराणसी। वाराणसी के भगत सिंह छात्र मोर्चा संगठन के दफ्तर में NIA की छापेमारी के बाद अब पूछताछ की गई युवतियां सामने आ गई हैं। बुधवार को दोनों युवतियां मीडिया से मुखातिब हुईं। जिसमें उन्होंने मंगलवार को NIA के ओर से की गई छापेमारी के विषय में विस्तृत जानकारी दी और NIA की टीम पर गंभीर आरोप लगाए।

छात्राओं ने बताया कि मंगलवार की सुबह 5:30 बजे NIA की टीम भगतसिंह स्टूडेंट्स मोर्चा (BSM) के पदाधिकारियों के कमरे पर तलाशी लेने पहुँची। जिसमें अध्यक्ष आकांक्षा आज़ाद और सह सचिव सिद्धि बिस्मिल और सचिव इप्शिता रहतीं हैं। NIA की टीम में NIA लखनऊ से रश्मि शुक्ला, NIA पटना से राकेश कुमार मिश्रा, NIA रांची से एक IT एक्सपर्ट शामिल थे।

जिस टीम का नेतृत्व रश्मि शुक्ला कर रही थीं। उस टीम में 2 महिला SI, 10 महिला कांस्टेबल, 2 लखनऊ से आए हुए गवाह, 1 सादी वर्दी में कोई पुलिस अधिकारी, और एक सादी वर्दी में संदिग्ध व्यक्ति था, जो अपनी पहचान कई बार पूछने पर भी नहीं बता रहा था। इसके अलावा लंका थाने से बृज कुमार मिश्रा और करीब 10 की संख्या में पुलिसकर्मी थे। इसके अलावा ACP प्रवीण सिंह लगभग 10 अन्य बड़े अधिकारियों और पुलिसकर्मियों के साथ आये। कुल मिलाकर 40-50 पुलिसकर्मी कमरे के अंदर बाहर मौजूद थे। इसके अलावा कई इंटेलीजेंस के लोग भी पहुँचे हुए थे।

NIA की टीम ने सर्च वारण्ट दिखाया और कहा कि माओवादी होने और उनके फ्रंटल संगठन होने के शक पर वह हमारे सामान, कमरे, लैपटॉप मोबाइल आदि को सर्च कर सकते हैं। इसे पढ़ने के बाद इस झूठे और भ्रामक आरोप के कारण हमनें इस पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। इसके तुरंत बाद उन्होंने आकांक्षा का मोबाइल फ्लाइट मोड में डाल कर IT एक्सपर्ट NIA के अधिकारी को दे दिया। उन्होंने आकांक्षा का फ़ोन अपने साथ लाए हुए लैपटॉप में लगा लिया और कुछ भी बताने से इनकार कर रहे थे। अंतिम समय में इस फोन जिसमें 2 सिम और SD कार्ड हैं उसे अपने साथ ले गयी है।

युवतियों ने आगे कहा कि हमें पूरी आशंका है कि NIA अपने तरफ से मोबाइल फ़ोन में कुछ छेड़छाड़ कर सकती है और कुछ इम्प्लांट कर सकती है, जैसा उन्होंने भीमा कोरेगांव केस में किया है, क्योंकि फ़ोन को लैपटॉप में लगाकर उनकी टीम क्या कर रही है? इसके बारे में वे कुछ भी नहीं बता रहे थे और यह पूछने पर कि क्या वह डेटा ट्रांसफर कर रहे हैं? इस पर भी उन्होंने इंकार कर दिया।

इसके बाद उन्होंने सबसे पहले आकांक्षा आज़ाद के कमरे की तलाशी लेनी शुरू की। जिसमें हर एक कॉपी, डायरी, किताब, कपड़े, बैग, सूटकेस, रजाई-कम्बल के जांच करनी शुरू कर दी। कॉपी डायरी में एक-एक अक्षर की जांच की और उससे जुड़े सवाल करते रहे और उनके आधार कार्ड का फोटो भी अपने साथ ले गयी है।

पूरे कमरे का सामान इधर उधर फेंक देने के बाद उन्होंने सिद्धि और इप्शिता के कमरे में जाकर तलाशी ली। जिसमें डायरी, कॉपी, किताब की जांच की। इस दौरान उन्होंने सजायाफ्ता पत्रकार रूपेश कुमार की रिहाई मांग करते हुए पोस्टर देख कर और कैमूर से गिरफ्तार रोहित व सर्व सेवा संघ से जुड़े पोस्टर को देख कर उनसे जुड़े कुछ सवाल किए। दस्तक मैगज़ीन देखकर सीमा आज़ाद और विश्वविजय पर कुछ जानकारी ली।

उसके बाद इप्शिता का लैपटॉप और सिद्धि के मोबाइल की मैन्युअली जांच की। रश्मि शुक्ल सिद्धि के फ़ोन के चैट्स पर भी सवाल कर रही थीं कि आपने ऐसा क्यों लिखा, उन्होंने ऐसा क्यों लिखा आदि। ओबीसी रिज़र्वेशन के आन्दोलन पर भी पूछताछ किया। इसके बाद फिर से आकांक्षा के कमरे में आकर उनके लैपटॉप की जांच करनी शुरू की जो लगभग डेढ़ घण्टे तक चली।

सवाल जवाब में उन्होंने संगठन के आर्थिक स्त्रोत और हम तीनों के खर्चे से जुड़े सवाल किए। घर में आय का साधन पर पूछताछ की। उसके बाद उन्होंने इप्शिता के बैंक एकाउंट से जुड़े कुछ सवाल किए। बातचीत के दौरान दोनों पदाधिकारियों की जाति जानने पर उनका विशेष जोर था।

NIA हमारे संगठन का अखबार 'मशाल' का 2 अंक, सीमा आज़ाद द्वारा निकाले जाने वाला 'दस्तक' का 3 अंक, गांव चलो अभियान का सर्कुलर(2018-2019), BSM का चंदा कलेक्शन का रसीद, पुराने कार्यक्रमों के कॉन्टेक्ट्स, BSM के GVC के पुराने कॉन्टेक्ट्स, मजदूर किसान एकता मंच (नया नाम मेहनतकश मुक्ति मोर्चा) का पुराना पर्चा आदि उठा कर ले गयी है।

युवतियों ने आगे बताया कि भगतसिंह छात्र मोर्चा इस छापेमारी को केंद्र की बीजेपी सरकार द्वारा 2024 के चुनाव से जोड़कर देखता है और राजनीतिक विरोधियों की आवाज को बल पूर्वक दबाने के रूप देखता है। NIA, ED, ATS जैसे तमाम एजेंसियां मोदी सरकार की B टीम बन चुकी जो सिर्फ और सिर्फ विरोधियों को दबाने का काम कर रही। यह तलाशी एक बनी बनाई साज़िश का हिस्सा है। इनका मुख्य उद्देश्य जनता के मन में डर बैठाना है। मोदी- योगी सरकार और उनके गुर्गे बन चुकी तमाम एजेंसियों के कान में हम बात हम डाल देना चाहते हैं कि हम भगतसिंह के वारिस हैं। तुम्हारे टुटपुंजे हरकतों से हम डरने वाले नहीं है। हमारे संगठन का काम और तेज़ी से होता रहेगा।

बनारसी नारद

बनारसी नारद

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