वाराणसी। बड़ागांव थाना क्षेत्र के हरहुआ चौकी अंतर्गत वाजिदपुर में पंचकोशी चौराहे पर संदहा की तरफ से आ रही ट्रक ने बुधवार को सायंकाल एक महिला को कुचल दिया। महिला अपने पति के साथ सारनाथ से वापस लौट रही थी। सूचना मिलने के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और मृतका के शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई में जुट गई।

जानकारी के अनुसार, बड़ागांव थाना क्षेत्र के नटवा गांव निवासी संतोष राजभर सूरत में रहकर वेल्डिंग का काम करता है। रक्षाबंधन पर वह छुट्टी लेकर मंगलवार को घर आया था। उसकी पत्नी रेशमा चिलबिला स्थित मायके में थी वह बुधवार को अपनी पत्नी रेशमा (22) को लेकर सारनाथ घुमाने के लिए गया था। वहां से वह सायंकाल लगभग 5 बजे अपने घर वापस लौट रहा था। वह बड़ागांव थाना क्षेत्र के वाजिदपुर में पंचकोशी चौराहे के समीप पहुंचा था, उसी समय पीछे से आ रहे तेज रफ्तार के ट्रक ने उसकी बाइक में जोरदार टक्कर मार दिया। टक्कर लगने के बाद रेशमा दाहिनी तरफ गिर गई, जबकि संतोष बाईं तरफ गिरा। ट्रक ने रेशमा को कुचल दिया, जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।

दुर्घटना के बाद ट्रक चालक ट्रक को लेकर हरहुआ की तरफ भाग रहा था। स्थानीय लोगों में पीछा करते हुए ट्रक और चालक गाजीपुर जमनिया निवासी धर्मेंद्र यादव को रिंग रोड चौराहे पर पकड़ लिया। वहीं रेशमा की मौत के बाद पति संतोष उसके शव को पकड़कर रोने लगा। स्थानीय लोगों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतका के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। वहीं ट्रक को कब्जे में लेने के साथ ही चालक को हिरासत में लेकर पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुटी है।

संतोष और रेशमा की शादी बीते 3 जून को हुई थी। रेशमा का शादी के बाद अभी गौना नहीं हुआ था। रेशमा अपने मायके में ही थी। रक्षाबंधन पर छुट्टी लेकर मंगलवार को पति अहमदाबाद से वापस घर आया था। फोन पर पत्नी को बुधवार के दिन घूमने की बात कह कर मायके से आने के लिए कहा। बुधवार को दोपहर में रेशमा अपने परिवार वालों से बताया कि संतोष हमें बुलाए हैं। हम दोनों घूमने जा रहे हैं, शाम तक वापस आ जाएंगे। लेकिन होनी को कौन टाल सकता है, रेशमा अभी पति के साथ हरहुआ पंचक्रोशी चौराहे पर पहुंची थी, तभी पीछे से आ रहे ट्रक ने बाईक मे पिछे से टक्कर मार दिया।

रेशमा की घटना स्थल पर भी दर्दनाक मौत हो गई मौत की सूचना मिलते ही रेशमा और संतोष परिजन हरहुआ पुलिस चौकी पर पहुंचे और दहाड़ मारकर रोने लगे। परिजनों की करुणा का दृश्य देखकर सभी लोगों की आंखें नम हो गई। रेशमा एक भाई तीन बहन में तीसरे नंबर पर थी।

बनारसी नारद

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