वाराणसी। देश में आजादी का जश्न मनाया जा रहा है। आजादी के जश्न का खुमार काशी के भी सिर चढ़कर बोल रहा है। प्रशासनिक भवनों, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, सड़कों पर बस तिरंगा ही नजर आ रहा है। सड़कों पर जाते हुए स्कूल के बच्चों, संगठनों की रैलियों में बस एक ही आवाज सुनाई दे रही है, ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा…’। इतना ही नहीं, बाजारों में तिरंगे की बिक्री के साथ ही मिठाई की दुकानों पर तिरंगे की मिठाई की डिमांड बढ़ गई है।

इस बार का स्वतंत्रता दिवस कई मायनों में खास हो गया है। प्रधानमंत्री के हर घर तिरंगा 2।0 के आह्वान के बाद सबने अपने घरों पर तिरंगा लहरा दिया है। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया प्रोफाइल भी तिरंगे वाली डीपी से पट गए हैं। शहर के सभी कार्यालयों पर सुबह 10:15 बजे जिला मुख्यालय, तहसील, ब्लाक, नगर निकायों और सरकारी व गैर सरकारी इमारतों पर ध्वजारोहण किया गया। इसके साथ ही पुलिस लाइन, विकास प्राधिकरण, बीएचयू, काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में भी भव्य आयोजन किए गया।


ध्वजारोहण के बाद तिरंगे का करें सम्मान

स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण किया जाता है। इसमें तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, जबकि गणतंत्र दिवस पर तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे खोलकर फहराया जाता है। हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करें। यदि कोई व्यक्ति इसे जलाते, दूषित करते, कुचलते या नियम विरुद्ध ध्वजारोहण करते पाया जाता है तो उसे तीन साल की जेल व जुर्माना देने का दंड मिल सकता है।

ध्वजारोहण के नियम

• भारतीय झंडा हाथ से काते गए या बुने गए ऊनी, सूती, सिल्क या खादी के कपड़े से बना होना चाहिए। झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात तीन गुणे दो होना चाहिए।

• राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग व्यावयासिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया सकता है।

• ध्वजारोहण करते समय झंडे को झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। बिना आदेश तिरंगे को आधा नहीं फहराया जा सकता है।

• राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

• कटा, फटा और मैला झंडा नहीं फहराना चाहिए। ध्वज के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।

बनारसी नारद

बनारसी नारद

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