वाराणसी। वाराणसी कचहरी परिसर शुक्रवार को जंग का मैदान बन गया। यहां दीवानी परिसर में शुक्रवार की दोपहर अधिवक्ताओं के दो गुटों के बीच जमकर मारपीट हुई। प्रकरण को लेकर अधिवक्ता राजेश प्रसाद सिंह की तहरीर के आधार पर अधिवक्ता देवेंद्र सिंह, ऋषिदेव मिश्रा, श्याम सुंदर चौरसिया, ओम प्रकाश राय, राजीव रंजन सिंह, संतोष मिश्रा और अनिल सिंह के खिलाफ बलवा, हत्या के प्रयास और लूट सहित अन्य आरोपों में कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक, दीवानी कचहरी परिसर में अधिवक्ता राजेश प्रसाद सिंह का चैंबर नंबर छह जर्जर हाल में है। बनारस बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया कि जर्जर चैंबर का नवनिर्माण कराया जाए। शुक्रवार की दोपहर 12 बजे मजदूरों ने चैंबर नंबर छह को तोड़ने का काम शुरू किया। इसी दौरान अधिवक्ता देवेंद्र सिंह के चैंबर में मौजूद कुछ अधिवक्ता गालीगलौज करते हुए मजदूरों पर पथराव करने लगे। इससे डर कर मजदूर भाग गए।

अधिवक्ता राजेश प्रसाद सिंह ने आरोप लगाया है कि देवेंद्र सिंह अपने साथियों के साथ आए और ललकारा कि मारो। इस पर देवेंद्र सिंह के सहयोगी अधिवक्ता टूट पड़े और उन्हें पीटने लगे। बचाने के लिए सहयोगी अधिवक्ता शिवानंद सिंह, संतोष सिंह और रवींद्र सिंह सहित अन्य लोग आए तो उन्हें भी पीटा गया। ऋषिदेव मिश्रा ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर की मुठिया से शिवानंद सिंह के सिर पर वार किया। राजीव रंजन सिंह ने शिवानंद की सोने की चेन छीन ली। राजेश प्रसाद सिंह ने बताया कि मारपीट में उन्हें शिवानंद सिंह, संतोष सिंह और रवींद्र सिंह को गंभीर चोट लगी है। शिवानंद की हालत चिंताजनक है। इस संबंध में इंस्पेक्टर कैंट प्रभुकांत ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

बनारसी नारद

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