वाराणसी। वाराणसी में वाटर टैक्सी को लेकर नाविकों का अन्दोलन तेज हो चला है। नाविकों ने संत रविदास घाट पर खड़े क्रूज को नावों और बजडों के सहारे घेर लिया। नाविकों ने अपने आंदोलन को तेज करते हुए नारे लगाये और कहा – अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है। नाविकों की मांग है कि गंगा में क्रूज को बंद कराया जाय। गंगा में क्रूज को चलने नहीं देंगे।

नाविकों ने मंगलवार शाम से ही बोट राइडिंग बंद कर दी है। नाविकों ने कहा कि गंगा जी के पवित्र जल में वाटर टैक्सी को घुसने नहीं देंगे। वाटर टैक्सी के विरोध में नाविकों ने गंगा घाट पर सैकड़ों नाव लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।

गंगा घाट पर स्नान करने आए श्रद्धालु भी यह सब देखरक अचंभित हो उठे हैं। सैलानी, बिना बोत राइडिंग किए ही वापस लौट रहे हैं। गंगा में बोट का संचालन ठप होने के बाद डीएम एस। राजलिंगम दशाश्वमेध घाट पहुंचे। बताया जा रहा है कि नाविकों से जिलाधिकारी की यह वार्ता पूरी तरह विफल रही। नाविक अपनी मांगों पर अड़े रहे। माझी समाज के अध्यक्ष प्रमोद माझी ने कहा कि जिलाधिकारी संग हुई वार्ता 90% तक विफल रही। बाकी बचे 10 प्रतिशत में कुछ हो नहीं सकता।

कुछ दिनों बाद लांच होने वाले वाटर टैक्सी के विरोध में उतरे धरनारत नाविकों ने कहा कि किसी भी सूरत में वे गंगा में अब नया प्रयोग नहीं करना चाहते। गंगा में चलने वाला क्रूज पहले ही उनकी आर्थिक स्थिति को नुकसान पहुंचा रहा है। वाटर टैक्सी अब उनकी स्थिति को पूरी तरह से ख़राब कर देगा। दशाश्वमेध घाट पर जिलाधिकारी व नाविकों संग चली बैठक में जल पुलिस भी शामिल रही। नाविकों ने जिला व पुलिस प्रशासन से जमकर अपना विरोध दर्ज कराया।

प्रमोद मांझी ने कहा कि जिला प्रशासन घुमावदार बातें कर रहा है। ऐसा भी नहीं कह रहे हैं कि वाटर टैक्सी आप ले लो। हम पेट के लिए जान भी दे सकते हैं, लेकिन अपने पेट पर किसी लात मारकर घुसने का मौका नहीं देंगे। जिला प्रशासन कहता है कि वाटर टैक्सी दान में आया है। इसको चलाएंगे और आगे कोई टैक्सी नहीं आएगी। प्रशासन हमको फांसी दे, गोली मार दे। लेकिन जब तक जिंदा रहूंगा, तब तक कोई ऐसी बात नहीं मानूंगा। अब इनको बात करना है तो फिर गंगा जी में आना होगा। मैं इनके किसी ऑफिस में नहीं जाऊंगा। काशी में क्या कृकृत्य हुआ है, इसके बारे में दुनिया भर में बताएंगे।

नाविकों को धरने को लेकर एसडीएम सिटी आलोक वर्मा ने कहा कि नाविकों की कुछ समस्याएं हैं, जिसे संज्ञान में लिया गया है। उनकी मांगों के आधार पर 11 लोगों की कमेटी बनाकर एक महीने के भीतर इसका समाधान कराया जाएगा। कमेटी में जिन 11 लोगों को शामिल किया जाएगा, वे उनके (नाविकों) ही लोग होंगे। इन ग्यारह लोगों की कमेटी से ही इस समस्या का समाधान होगा। हालांकि गंगा जी में बोट के संचालन को लेकर उन्होंने कहा कि यह कमेटी बनने के बाद ही तय हो पाएगा कि गंगा जी में सुविधाएं पुन: सुचारू रूप से शुरू हो पाएंगी।

बता दें कि वाराणसी में श्रद्धालुओं और सैलानियों की सुविधा के लिए वाटर टैक्सी की लॉन्चिंग होने वाली है। इससे सैलानियों को अस्सी से नमो घाट तक आने-जाने में काफी सहूलियत होगी। और साथ में टाइम भी कम स्पेंड होगा। मगर, शासन के इस फैसले से नाविक समाज के लोगों में गुस्सा है। उनको आशंका है कि वाटर टैक्सी आने से उनका धंधा चौपट हो जाएगा। पब्लिक को ज्यादा सहूलियत मिलेगी तो नाव में कोई बैठेगा नहीं। इससे बेरोजगारी का डर सता रहा है। क्रूज के चलने से पहले ही वे लाेग बेहाल हैं।

Updated On 11 July 2023 3:35 PM GMT
बनारसी नारद

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