वाराणसी। भेलुपुर थाना अंतर्गत 1.40 करोड़ रुपए की डकैती के ममाले में शनिवर को पांच आरोपियों के जमानत की अर्जी टल गई। प्रभारी जिला जज देवकांत शुक्ल की अदालत में मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा उर्फ़ गुरुजी की अग्रिम जमानत और जेल में बंद चार आरोपियों वसीम खान, प्रदीप पाण्डेय, सच्चिदानंद राय व घनश्याम मिश्रा की नियमित अर्जी पर सुनवाई होनी थी। अब इसकी सुनवाई के लिए कोर्ट ने पांच जुलाई की तिथि निर्धारित की है।

गौरतलब हो कि कोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में भेलुपुर थाने और खोजवां पुलिस चौकी के सीसीटीवी फुटेज तलब किये थे। जो कि कोर्ट में पेश नहीं किए गये। आरोपी सच्चिदानंद उर्फ़ मंटू की ओर से उसके वकील अनिल कुमार सिंह ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। कहा कि संबंधित विवेचक द्वारा जानबुझकर सीसीटीवी फुटेज और वैज्ञानिक साक्ष्य को संकलित नहीं किया जा रहा है। उसे जमानत अर्जी की सुनवाई में भी प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है। भेलूपुर थाने की आख्स्य अस्पष्ट है। एक पुलिस अधिकारी के दबाव में विवेचना की जा रही है।

वकील ने आगे कहा कि इस मामले में वास्तविक दोषी पुलिसकर्मी हैं। अधिवक्ता ने जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान वाराणसी पुलिस कमिश्नर के भी उपस्थित रहने की गुहार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि सुनवाई के समय गंभीर तथ्यों को उठाया गया है। इसलिए प्रार्थना पत्र की एक प्रति कमिश्नर के पास भेजी जाय। जिससे विवेचक स्थापित सिद्धांत के अनुसार, विवेचना करते हुए केस की डायरी भेजें। जिससे जमानत अर्जी का निस्तारण किया जा सके। अन्यथा यह माना जाएगा कि प्रार्थना पत्र में उल्लेखित तथ्य सही हैं।

ये है पूरा मामला

बता दें कि, भेलुपुर थाना अंतर्गत बैजनत्था क्षेत्र में 29 मई की रात गुजरात की एक फर्म से एक करोड़ 40 लाख रुपए की डकैती हुई थी। जिसके दो दिन बाद पुलिस को कथित तौर पर एक लावारिस कार से 92.94 लाख रुपए मिले थे। जांच में यह पैसा हवाला कारोबार से जुड़ा पाया गया। इस मामले में अपराधिक संलिप्तता पाने पर तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत 7 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया था। पुलिस ने अब तक इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा उर्फ़ गुरु जी अभी भी फरार चल रहा है। पुलिस इस घटना के एक महीने बीत जाने के बाद भी गायब 47 लाख रुपयों व मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा को नहीं पकड़ सकी है।

बनारसी नारद

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