वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र में 1.40 करोड़ रुपए की डकैती के मामले में बुधवार को पांच आरोपितों की जमानत अर्जी पर सुनवाई टल गई। प्रभारी जिला जज देवकांत शुक्ला की अदालत में मुख्य आरोपित अजीत मिश्रा के अग्रिम जमानत व जेल में बंद चार आरोपितों की नियमित जमानत अर्जी पर सुनवाई होनी थी। इस केस की पैरवी वादी पक्ष की ओर से अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने की।

उधर अभियोजन की ओर से वीआईपी के आगमन को ध्यान में रखते हुए ड्यूटी में व्यस्त होने के कारण जमानत अर्जी पर सुनवाई की अन्य तिथि पर उपस्थित होने का अनुरोध किया। इस पर आरोपित सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू की ओर से उनके अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने विरोध किया गया कि जानबूझ कर इस मामले में पुलिस कर्मी को बचाने के लिए सीसी फुटेज नही भेजा जा रहा है। इस मामले में कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए दस जुलाई की तिथि नियत की गई है। पिछले तिथि पर कोर्ट ने सीसी फुटेज के साथ अन्य कागजात सुनवाई के समय तलब किया था।

जानकारी के मुताबिक, इस मामले में कोर्ट ने भेलूपुर थाने और खोजवां चौकी के सभी सीसीटीवी फुटेज तलब किए थे। जिसके बाद पुलिस की ओर से सीसीटीवी कैमरा ख़राब होने की जानकारी दी गई। जिस पर आरोपी सच्चिदानंद उर्फ़ मंटू के वकील ने पुलिस पर जान-बुझकर सबूतों को गायब करने का आरोप लगाया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने वाराणसी के पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन को भी उपस्थित रहने को कहा था। लेकिन प्रधानमंत्री के आगमन की तैयारियों में व्यस्त रहने के कारण वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके।

बता दें कि भेलपुर थाना अंतर्गत बैजनत्था क्षेत्र में 29 मई 2023 को एक कंपनी के कर्मचारी 1.40 करोड़ रुपए की डकैती हुई थी। इस घटना के दो दिन बाद पुलिस ने भेलूपुर थानान्तर्गत बैजनत्था क्षेत्र में एक कार से 92.94 लाख रुपए की बरामदगी की थी। इस मामले में भेलपुर थाने में अजीत मिश्र, सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस ने इस मामले में अपराधिक संलिप्तता पाते हुए 7 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया था। वहीं घटना के एक महीने से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा पुलिस की पकड़ से दूर है।

बनारसी नारद

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