वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत चर्चित एक करोड़ 40 लाख रुपए की डकैती के मामले में शिवपुर निवासी सच्चिदानंद राय उर्फ़ मंटू को अदालत ने सात घंटे की पुलिस कस्टडी रिमांड का आदेश दिया है। सिविल जज जूनियर डिवीजन/एफटीसी प्रथम निधि सागर की अदालत ने यह आदेश गुरुवार को मामले के विवेचक व भेलूपुर थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह की ओर से दिए गये प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया। आरोपित की रिमांड अवधि शुक्रवार को पूर्वाह्न 10 बजे से शाम 5 बजे तक रहेगी।

अदालत में दिए आवेदन में भेलूपुर थाना प्रभारी ने कहा था कि आरोपित सच्चिदानंद राय उर्फ मंटू से यदि गंभीरता से पूछताछ की जायेगी, तो डकैती की शेष रकम की बरामदगी होने की पूरी संभावना है। ऐसे में उसे तीन दिन के लिए पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिये जाने का अदालत से अनुरोध किया गया। अदालत में अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी मनोज कुमार मिश्र व अंकेश राम त्रिवेदी ने पक्ष रखा।

बता दें कि भेलपुर थाना क्षेत्र में 29मई को एक कंपनी के कर्मचारी से 1.40 करोड़ रुपए की डकैती हुई थी। इस घटना के दो दिन पुलिस पुलिस को कथित तौर एक गाड़ी से 92.94 लाख रुपए लावारिस हालत में मिले थे। जिसके बाद इतनी मोटी रकम देखकर पुलिस विभाग समेत इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी इस रकम की जांच शुरू कर दी।

इस मामले में गुजरात के रहने वाले विक्रम सिंह की तहरीर के आधार पर 4 जून को पुलिस ने डकैती का मुकदमा दर्ज किया था। जिसमें व्यापारी ने सारनाथ के रहने वाले अजीत मिश्रा समेत 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन इंस्पेक्टर रमाकांत दूबे समेत 7 पुलिसकर्मियों को अपर पुलिस आयुक्त (मुख्यालय एवं अपराध) संतोष कुमार सिंह ने सस्पेंड कर दिया गया था। बाद में इन सातों की अपराधिक संलिप्तता पाते हुए इन्हें बर्खास्त कर दिया। पुलिस ने इस मामले में अभी तक कार के मालिक सच्चिदानंद राय उर्फ़ मंटू समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं मामले का मुख्य आरोपी अजीत मिश्रा ‘गुरु जी’ अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। कोर्ट ने उसके खिलाफ NBW जारी किया है, बावजूद इसके वह अभी तक फरार चल रहा है।

पुलिस अब अजीत मिश्रा पर ईनाम घोषित करने की तैयारी में लगी है। डीसीपी काशी जोन ने इसके लिए थाने और डीसीआरबी से रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर पुलिस गुजरात के दो हवाला कारोबारियों जगदीश पटेल व ड्राईवर सागर की तलाश में जुटी हुई है।

घनश्याम मिश्रा की दामाद की तरह सेवा

वहीं इस घटना के दूसरे आरोपी घनश्याम मिश्रा की वाराणसी पुलिस ने खूब खातिरदारी की थी। कहा जाता है कि डकैती की घटना के पहले तक पुलिस घनश्याम मिश्रा के मंसूबों से अंजान थी। प्रयागराज का रहने वाला घनश्याम मिश्रा 27 मई को ही वाराणसी आ गया था। भाजपा में अच्छी सांठ-गांठ होने के कारण वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस ने उसकी खूब सेवा भाव की। उसे लक्सा के लग्जरी होटल में पुलिस के एक बड़े अफसर ने रुकवाया। वहीं 27 से 29 मई तक पुलिस ने उसकी खूब खातिरदारी की। सूत्रों के मुताबिक, घनश्याम जिस होटल में रुका था, उसी होटल में उससे मिलने पूर्वांचल के एक जिले के एक बड़े अफसर भी आए थे।

बता दें कि घनश्याम मिश्रा को दिल्ली के कनॉट प्लेस के एक आलीशान होटल से क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोचा था। जब टीम उसे गिरफ्तार करने पहुंची, तब वह मोबाइल में अफसरों और नेताओं के साथ अपनी तस्वीरें दिखाकर धौंस जमाने लगा। बावजूद इसके क्राइम ब्रांच की टीम उसे गिरफ्तार करके ले आई।

Updated On 22 Jun 2023 4:29 PM GMT
बनारसी नारद

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