वाराणसी। कहते हैं न कि किसी के मन में कब कौन सी बात से ठेस पहुंच जाए, यह कोई नहीं जानता। वाराणसी में रविवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब परिजनों की डांट से आहत किशोरी ने दादा के दुपट्टे के सहारे लटककर आत्महत्या कर ली।

बड़ागांव थाना क्षेत्र के बेरवा (पाण्डेयपुर) की रहने वाली ग्यारहवीं की छात्रा ने परिजनों की डांट से नाराज होकर रविवार शाम को दादा के घर में दुपट्टे के सहारे फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। सूचना पर पहुंची बड़ागांव थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बड़ागांव थाना क्षेत्र के बेरवा गांव निवासी संतोष कुमार व उसकी पत्नी माधुरी देवी मजदूरी करके घर चलाते हैं। उनके दो बेटी व दो बेटे थे। पूरा परिवार खुशहाल तरीके से जीवनयापन कर रहा था। रविवार शाम संतोष की बेटी ख़ुशी (16 वर्ष) ने परिजनों की डांट से नाराज होकर फांसी लगा ली। वह कक्षा-11 की छात्रा थी। जानकारी के मुताबिक, ख़ुशी किसी लड़के से फ़ोन पर बराबर बात करती थी। परिजनों ने इसके लिए उसे डांट-फटकार लगाई।

ख़ुशी के पिता संतोष ने रविवार की सुबह बेटी को मोबाइल पर बात करते हुए पकड़ लिया। जिसके बाद उन्होंने उसे डांट फटकार लगाई और दोबारा ऐसा न करने की हिदायत दी। पिता की बात से नाराज होकर ख़ुशी अपने दादा साल्टन के घर पहुंची। दादा-दादी घर पर मौजूद नहीं थे। वह कहीं किसी खेत में मजदूरी करने गए हुए थे। ख़ुशी ने घर में किसी को ना देख कर दुपट्टे के सहारे दादा के कमरे के अंदर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। खेत से काम करके मां जब घर पहुंची, तो देखा कि ख़ुशी को छोड़ घर में सभी बच्चे मौजूद रहे। सभी ने उसे आसपास ढूंढा, लेकिन कहीं उसका कहीं पता नहीं चला।

शाम लगभग 6 बजे खुशी की मां माधुरी देवी खोजते हुए कुछ दूर पर अपने ससुर के घर पहुंची और वहां भी कोई नहीं था। उन्होंने अपने ससुर के कमरे में जाकर देखा, तो खुशी दुपट्टे के सहारे लटक रही थी। शोर मचाकर आसपास के लोगों को बुलाया। शोर सुनकर खेत में काम कर रहे खुशी के दादा सहित ग्रामीण पहुंचे। जिसके बाद खुशी को फंदे से उतारकर हरहुआ स्थित किसी निजी चिकित्सालय में इलाज के लिए ले गए। जहाँ चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजन शव को लेकर घर पहुंचे। वे सभी बिना पुलिस को सूचना दिए शव के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। इस दौरान किसी ग्रामीण ने डायल 112 को इसकी गोपनीय सूचना दे दी। सूचना मिलते ही बड़ागांव थाने की पुलिस फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची।

पुलिस शव को कब्जे में लेकर परिजनों से पूछताछ करने लगी। खुशी के दादा साल्टन ने बताया कि खुशी किसी लड़के से मोबाइल पर बात करती थी। रविवार को सुबह में उसके पिता संतोष ने डांटा फटकारा था। उसी से नाराज होकर यहां पहुंची होगी और घर पर कोई मौजूद नहीं था। स्थिति सुनसान देखकर उसने ऐसा कदम उठाया। ख़ुशी अपने दो बहनों व दो भाई में सबसे बड़ी थी। वह कक्षा 11 की छात्रा थी। वह प्रतिदिन नियमित रूप से स्कूल जाती थी और समय से घर आती थी। उसके व्यवहार से कभी ऐसा नहीं लगा कि वह एक दिन ऐसा कदम उठा लेगी। बड़ागांव पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

बनारसी नारद

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