वाराणसी को जल परिवहन का हब बनाने की तैयारी है। इस संबंध में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा का कहना है मालवाहक जलयानों के संचालन के लिए इफको, एफसीआई और अन्य…
![वाराणसी बनेगा जल परिवहन का हब, कई संस्थानों को जल परिवहन से जोड़ने की योजना वाराणसी बनेगा जल परिवहन का हब, कई संस्थानों को जल परिवहन से जोड़ने की योजना](http://varanasitoday.com/wp-content/uploads/2022/12/Varanasi-2.jpg)
वाराणसी को जल परिवहन का हब बनाने की तैयारी है। इस संबंध में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा का कहना है मालवाहक जलयानों के संचालन के लिए इफको, एफसीआई और अन्य बड़े संस्थानों के उच्च अधिकारियों से बात की जाएगी। जलमार्ग पर मालवाहक विमानों के नियमित संचालन के लिए कई पहलुओं पर काम किया जा रहा है।
इन संस्थानों को जल परिवहन से जोड़ने की योजना
हर महीने मालवाहक जहाजों का संचालन सुनिश्चित हो, इसके लिए यूपी के बड़े सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों को जल परिवहन से जोड़ा जाएगा। बिहार और बंगाल भेजे वाले सामानों को जल परिवहन के जरिये भेजने और कोलकाता के रास्ते निर्यात की संभावनाओं का भी अध्ययन कराया जा रहा है। जेटी पर सुविधाएं बढ़ाने का फैसला भी लिया गया है।
वहीं वाराणसी के रामनगर में बने मल्टी मॉडल टर्मिनल से मालवाहक जहाज के संचालन की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। अब इफको, एपिडा, एफसीआई आदि को जोड़कर इनके माल को जल परिवहन के जरिये बिहार और बंगाल ले जाया जाएगा। निर्यात स्थल तक भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
जलमार्ग से अनाज, खाद, यूरिया और सब्जियों को भेजने की तैयारी है। जनवरी में पहले माल वाहक जलयान को भेजकर इसे नियमित करने की कवायद भी की जा रही है। पिछले दिनों ही जल परिवहन मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी सुधांशु पंत और जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष जयंत सिंह की मौजूदगी में जिला प्रशासन के साथ लंबी बैठक में इन मुद्दों पर रणनीति बनाई गई थी।
अब इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। दरअसल, वर्ष 2018 में मालवाहक जलयानों का संचालन हुआ था, मगर नेविगेशन सिस्टम विकसित नहीं होने के कारण रात में जलयानों का संचालन प्रभावित हो रहा था। अब कोलकाता से वाराणसी के बीच नदी में नेविगेशन सिस्टम विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है।
रामनगर से चंदौली की सीमा से सटे प्रस्तावित फ्रेट कॉरिडोर की कवायद भी तेज हुई है। प्रशासन ने किसानों से जमीन लेने के लिए अधिग्रहण को आवश्यक करने की मांग की है। इसमें करीब 40 एकड़ जमीन पर भंडार गृह सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जानी हैं। सरकार की ओर से अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश मिलने की उम्मीद जताई गई है।
![admin admin](/images/authorplaceholder.jpg)