वाराणसी। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले सपा नेता Swami Prasad Maurya का विरोध पूरे देश में हो रहा है। इसी क्रम में बुधवार को माता शबरी को अपना पूर्वज…
![Vanwasi burnt the effigy of Swami Prasad Maurya in Varanasi. Vanwasi burnt the effigy of Swami Prasad Maurya in Varanasi.](http://varanasitoday.com/wp-content/uploads/2023/02/Vanwasi-burnt-the-effigy-of-Swami-Prasad-Maurya-in-Varanasi..jpg)
वाराणसी। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले सपा नेता Swami Prasad Maurya का विरोध पूरे देश में हो रहा है। इसी क्रम में बुधवार को माता शबरी को अपना पूर्वज मानने वाले वनवासियों ने वाराणसी में सर्किट हाउस के सामने स्वामी प्रसाद मौर्या का पुतला फूंका और वोट के लिए ऐसी गन्दी राजनीति करने पर उनकी आलोचना की।
प्रदर्शन कर रहे महादलित अधिकार न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चेतराम वनवासी ने कहा कि हम सभी शबरी माता के वंशज हैं, जिस तरह से रामचरित मानस की एक चौपाई का सन्दर्भ देते हुए बयान बाजी कर स्वामी प्रसाद मौर्या सिर्फ दलित और पीछडों को और पीछे करना चाहते हैं। ये सब 2024 के चुनाव के लिए ओछी राजनीति है।
उन्होंने कहा कि आज ब्राह्मण भी शूद्र का पैर छूता है। उन्होंने कहा कि उनकी उम्र 40 साल से ज्यादा है ऐसे में उन्हें पहले नहीं कहा कि रामचरितमानस गलत है आज गलत हो गयी।
बता दें कि सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने जनवरी 2023 में एक न्यूज चैनल से बातचीत में मानस के एक अंश को उद्धृत करते हुए कहा था कि, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए। मौर्य ने सवाल उठाया, क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो।
उन्होंने आगे कहा था कि, रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। इस ग्रंथ को बकवास बताते हुए कहा कि सरकार को इस पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
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