गोरखपुर। प्रदेश की पुलिस लगातार अपराधियों को उनके अंतिम मुकाम तक पहुंचा रही है। प्रदेश से अपराध को जड़ से खत्म करने में लगी यूपी पुलिस के निरीक्षक की कड़ी पैरवी से गोरखपुर में हत्यारोपी को कोर्ट ने आजीवन सश्रम कारावास और 21 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा दी है। इस केस के विवेचक तत्कालीन थाना प्रभारी सहजनवा, प्रभारी निरीक्षक जीआरपी थाना प्रयागराज राजीव रंजन उपाध्याय थे।



भाड़े का शूटर है मुरारी पांडेय

इस संबंध में उन्होंने बताया कि जनपद गोरखपुर में चलाए जा रहे ऑपरेशन शिकंजा के अभियान के क्रम में न्यायालय में विचाराधीन अपराधियों की निरंतर पैरवी के बाद 28 अप्रैल को न्यायालय एसीजे/पीसी-3 की अदालत ने अभियुक्त मुरारी पांडेय निवासी जोगियाकला थाना सहजनवा, जनपद गोरखपुर को मुकदमा अपराध संख्या 1527/10 के अंतर्गत धारा 302 आईपीसी एवं 3/25 आर्म्स एक्ट में दोषी पाया।निरीक्षक राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि अपराधी भाड़े का शूटर है।


साश्रम आजीवन कारावास की हुई सजा

विवेचक राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि साल 2010 से चल रहे इस मुकदमे में कई गवाहों के बयान के बाद न्यायालय ने मुरारी पांडेय को साश्रम कारावास और 21 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इस कार्य में अभियुक्त को सजा दिलाने में ADGC बृजेश कुमार सिंह ने बहुमूल्य योगदान दिया।

क्या था मामला

निरीक्षक राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि धर्मेंद्र सिंह अपनी बीमार पत्नी को अस्पताल में दिखाकर घर वापस लौट रहे थे,जब अभियुक्त मुरारी पांडेय ने धर्मेंद्र की गली मारकर हत्या कर दी थी। विवेचना और सीसीटीवी फुटेज और अन्य एविडेंस से यह सामने आया कि धर्मेंद्र यादव को अपने ससुराल में जमीन मिली थी जिसे लेकर साढू से विवाद था और उसके लड़कों ने मुरारी पांडेय को एक लाख रुपए में धर्मेंद्र की हत्या की सुपारी दी थी। इसपर मुरारी पांडेय को गिरफ्तार किया गया।


साढू के लड़कों को भी जल्द ही होगी जेल

निरीक्षक राजीव रंजन उपाध्याय ने बताया कि मृतक के साढ़ू के लड़के भी इसमें 120 के मुल्जिम बनाए गए हैं। उनपर भी केस चल रहा है। जल्द ही उन्हें भी सजा होगी।

Updated On 29 April 2023 8:29 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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