अब चंद्रनगर होने जा रहा है फिरोजाबाद का नाम। गुरुवार को हुई नगर निगम कार्य समिति में नाम परिवर्तन के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई। 12 में 11 सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन किया है। वहीं योगी सरकार की तरफ़ से भी जिले का नाम बदलने के लिए मंजूरी मिलने की खबर आ रही है।

गुरुवार को निगम कार्य समिति की बैठक जीवाराम हॉल में हुई। कार्यसमिति की बैठक में रखे गए 17 में से भवन कर संशोधन संबंधी एक प्रस्ताव खारिज हो गया। इस बैठक में शहर के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा कर प्रस्तावों को पास किया गया। इसमें ज़रूरी बात यह थी कि दो साल पहले जिला पंचायत में फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर के नाम से पास होने के बाद अब नगर निगम में भी फिरोजाबाद का नाम चंद्रनगर करने पर हरी झंडी दे दी गई। नाम परिवर्तन में केवल सपा के पार्षद रेहान ने विरोध किया। साथ ही भवनों के गृहकर का बोझ नहीं बढ़ाया जाएगा। सभी कार्यकारिणी के सदस्यों ने इसे खारिज कर दिया।

बता दें कि नामांतरण पर लगने वाले शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को समिति की मंजूरी मिल गई। समिति की बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर में बनने वाले टॉयलेट निर्माण की लागत, शहर की साफ-सफाई, अतिक्रमण संबंधी प्रकरणों पर सदन में बहस भी हुई। नगर आयुक्त घनश्याम मीणा और उप सभापति श्याम सिंह यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा। इसके साथ 15वें वित्त आयोग से होने वाले नवनिर्माण कार्यों से जुड़े प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली। हालांकि उप सभापति और बाक़ी सदस्यों ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर पैनी नजर रखने और गड़बड़ी करने वाले ठेकेदारों पर सख़्त होने की बात कही।

इन मुद्दों पर मिला आश्वासन

• उपयुक्त जगह पर जलकल परिसर में रखीं महापुरुषों की प्रतिमाएं होंगी स्थापित।

• वार्ड और मोहल्ले में निष्प्रोज्य हैंडपंप हटाए जाएंगे।

• नगर में बाजार, गलियों, और मुख्य सड़कों पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्ती होगी।

• 20 लाख रुपये तक की लागत वाले निर्माण कार्यों को टीएसी की जांच से होंगे मुक्त।

• कोटला रोड, जलेसर रोड, गंज बाजार और अन्य जगहों पर आवासीय भवनों में बनीं दुकानों और प्रतिष्ठानों का होगा सर्वे।

• जलकल विभाग में पार्षद कक्ष बनाने और रात्रिकालीन सुरक्षा पिकेट का आश्वासन।

इन गड़बडियों पर तल्ख रहे पार्षदों के तेवर

• चनौरा खत्ताघर से रोजाना लाखों रुपये का कूड़ा गायब हो रहा है।

• स्मार्ट रोड निर्माण में मौरंग और बालू की जगह इस्तेमाल हो रही डस्ट।

• अफसरों-कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग जो पार्षदों की सुनवाई नहीं कर रहे।

• उपसभपति aur क्षेत्रीय पार्षद के कहे जाने के बावजूद सुहागनगर से तहसील सदर तक टॉयलेट निर्माण नहीं कराए जाने।

• सीमेंट के साथ डस्ट इस्तेमाल की स्मार्ट रोड पर होगी जांच।

Rishika Kukrety

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