वाराणसीकेंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. सुभाष सरकार ने बीएचयू में काशी तमिल संगमम के अंतर्गत आयोजित शैक्षणिक कार्यक्रम के दौरान एक दूसरे से कनेक्शन जोड़ने के लिए एक नायाब तरीका…

वाराणसीकेंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डा. सुभाष सरकार ने बीएचयू में काशी तमिल संगमम के अंतर्गत आयोजित शैक्षणिक कार्यक्रम के दौरान एक दूसरे से कनेक्शन जोड़ने के लिए एक नायाब तरीका बताया। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम एक दूसरे को जोड़ने का माध्यम बना है। इस जुड़ाव को और मजबूत करने के लिए हमलोगों को एक दूसरे को पोस्टकार्ड भेजना चाहिए। पोस्टकार्ड हमलोगों को एक दूसरे से हमेशा जुड़े होने का अहसास कराएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम के रूप में हम एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का जश्न मना रहे हैं। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम उत्तर और दक्षिण की एकता का संदेश भी दे रहे हैं।


कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री ने तमिलनाडु से आए लोगों के बीच अपना पता लिखकर पोस्टकार्ड का वितरण भी किया। तमिलनाडु के लोगों ने भी अपना पता लिखकर केंद्रीय राज्य मंत्री को दिया। डा. सुभाष सरकार ने कहा कि सभी लोगों को मैं जवाब दूंगा और उनके जवाब का मुझे इंतज़ार रहेगा।


डा. सुभाष सरकार ने काशी-विश्वनाथष्टकम से एक श्लोक साझा किया, जिसकी जिसकी रचना श्री आदि शंकराचार्य ने की थी। सरकार ने कहा कि,गंगा तरंग रमणीय जटा कलापं, गौरी निरंतर विभूषित वाम भागं, नारायण प्रियमनंग मदापहारं, वाराणसी पुरपतिं भज विश्वनाधम। इसका अर्थ है, जो बनारस के शहर के भगवान हैं, जिनके पास गंगा नदी की लहरों से बने गुच्छे हैं, जिनके बाईं ओर गौरी हमेशा के लिए है, जो भगवान नारायण के मित्र हैं। आइए हम सब गाएं और ब्रह्मांड के उस स्वामी की स्तुति करें जो 'विश्व' है।

सरकार ने कहा कि एक तरफ ज्ञान, दर्शन, संस्कृति, भाषा, साहित्य, कला और शिल्प का शहर वाराणसी भारत का प्रतिनिधित्व करता है तो दूसरी ओर, मंदिरों की भूमि, तमिलनाडु, संस्कृति, कला, शिल्प और साहित्य, ज्ञान का एक और तीर्थ है। श्री सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शब्दों को कोट करते हुए कहा कि, काशी और तमिलनाडु हमारी संस्कृति और सभ्यताओं के कालजयी केंद्र हैं। काशी तमिल संगम न केवल भारत के उत्तर और दक्षिण बल्कि पूरे देश के बीच ऐतिहासिक, सभ्यतागत और सांस्कृतिक संबंधों के कई पहलुओं का जश्न मनाता है।


हमारे राष्ट्र की विविधता में एकता का जश्न मनाने के लिए हम काशी तमिल संगमम के रूप में "एक भारत श्रेष्ठ भारत" की भावना का जश्न मना रहे हैं।

कार्यक्रम में तमिलनाडु से आए शिक्षकों के दल ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉक्टर सौम्या मिश्रा के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के कुलगीत की प्रस्तुति दी गई। कुलगीत के उपरांत मंच पर उपस्थित मुख्य अतिथि का सम्मान अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया।

कार्यक्रम में बीएचयू के प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे, प्रो. सुनील कुमार सिंह , सी मुथुलक्ष्मी, रामचंद्र, के.एस. नारायणन ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम की समन्वयक प्रो. डॉ. बिंदा दत्तात्रेय प्रांजपे रही।

Updated On 2 Dec 2022 8:30 AM GMT
Anurag

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