Umrao Jaan tribute : सुरों की मल्लिका उमराव जान की 85वीं पुण्यतिथि पर उनकी याद में डर्बी शायर क्लब की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। उनकी पुण्यतिथि पर शकील अहमद…

Umrao Jaan tribute : सुरों की मल्लिका उमराव जान की 85वीं पुण्यतिथि पर उनकी याद में डर्बी शायर क्लब की ओर से श्रद्धांजलि दी गई। उनकी पुण्यतिथि पर शकील अहमद जादूगर समेत उनके चाहने वालों ने फातमान रोड स्थित उनके कब्र पर पहुंचकर फातिहा पढ़ा और मोमबत्तियां जलाईं।

इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने बताया कि फैजाबाद में पली बढ़ी उमराव जान किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं बकौल उमराव जान फैजाबाद की थीं। उनके बचपन का नाम अमीरन था और नृत्य गायन की बारिकिया उन्होंने लखनऊ में सीखी और यहां के नवाबों के महल में अपनी नृत्य गायन की प्रतिभा से नवाबों को अपना दीवाना बना दिया। अमीरन को नवाबों ने उमरावजान बना दिया हर जुबां पर बस उमराव जान का ही नाम था।

करीब 15 साल पहले साल 2004 में बनारस के दालमंडी इलाके के रहने वाले डर्बी शायर क्लब के अध्यक्ष शकील अहमद जादूगर ने उमराव जान की कब्र को खोज निकाला था। उस वक्त जमीन के लेवल पर मौजूद एक कपड़े में उर्दू में उमराव जान और उनकी मृत्यु की जानकारी लिखी हुई थी।

उस खोज के बाद उन्होंने मुहिम शुरू की और तमाम विवादों के बीच आखिरकार उत्तर प्रदेश सरकार ने इस स्थान पर एक मकबरे का निर्माण करवाया। मिर्जापुर के लाल पत्थरों से तैयार हुआ यह मकबरा अब पूरे कब्रिस्तान में बिल्कुल अलग ही दिखाई देता है. फैजाबाद में जन्मीं उमराव जान के बचपन का नाम अमीरन बीवी था।

लखनऊ आने के बाद उनका नाम उमराव जान पड़ा। यहीं पर उन्होंने संगीत और नृत्य की शिक्षा दीक्षा ली और उसके बाद बेहतरीन फनकारा के रूप में लोगों के सामने हैं लेकिन जिंदगी के अंतिम समय में जब वह बिल्कुल अकेली पड़ गईं तब उन्होंने बनारस का रुख किया। यहीं पर दालमंडी इलाके में रहकर जीवन के अंतिम समय काटे। 26 दिसंबर, 1937 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी। इसके बाद उनके करीबियों ने उन्हें वाराणसी के सिगरा इलाके के फातमान कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया था।

बरसी के मौके पर शकील ने राज्य सरकार से मांग किया कि उमरावजान के मकबरे के उपर मार्क्स लाइट लगवा दी जाय जिससे उनका मकबरा हमेश रौशन रहे । इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रमोद वर्मा, हैदर मौलाई, आफाक हैदर, चिंतित बनारसी, विक्की यादव, बाले शर्मा, मो. राजू, बबलू विश्वकर्मा मौजूद रहें।

Updated On 26 Dec 2022 6:18 AM GMT
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