वाराणसी। आज पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। वहीं 26 जनवरी से पहले हर साल अलग-अलग कला विधा और सेक्टर…

वाराणसी। आज पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। वहीं 26 जनवरी से पहले हर साल अलग-अलग कला विधा और सेक्टर से जुड़े नामचीन लोगों को पद्म पुरस्कार दिए जाने की लिस्ट जारी की जाती है। इस वर्ष भी केंद्र सरकार की ओर से पद्म पुरस्कार पाने वालों की घोषणा की गई है। जिसमें वाराणसी से दो दिग्गजों का नाम शामिल है। पहली शख्सियत का नाम प्रख्यात ध्रुपद संगीतकार और गायक पंडित ऋत्विक सान्याल और दूसरे ख्यात क्षारसूत्र चिकित्सक प्रोफेसर मनोरंजन साहू है। प्रोफेसर मनोरंजन साहू काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के आईएमएस आयुर्वेद से सेवानिवृत्त है। आइए जानते है इनकी उपल्ब्धियों और इनके बारे में विस्तार से…

जानें गायक पंडित ऋत्विक सान्याल के बारे में

12 अप्रैल सन् 1953 को कटिहार में जन्मे पंडित ऋत्विक सान्याल काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संगीत एक मच कला संकाय के गायन विभाग से सेवानिवृत्त प्रोफेसर हैं। विभाग के विभागाध्यक्ष एवं संगीत एवं मंच कला संकाय के प्रमु के रूप में भी इन्होंने अपनी सेवाएं दीं हैं। सान्याल एक अद्वितीय धुपद गायक, गुरु, प्रोफेसर रचनाकार एवं लेखक हैं पिछले 40 वर्षों में आपने देश के लगभग सभी भागों में एवं विश्व के 50 अलग-अलग देशों में में ध्रुपद के पुनर्जागरण एवं प्रचार-प्रसार में विशद एवं विशिष्ट योगदान दिया है। उन्होंने देश विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों एवं महत्त्वपूर्ण सांगीतिक संस्थाओं के मंचों पर 600 से अधिक कार्यक्रमों में प्रस्तुतियां एवं कार्यशालायें की है। ये ऑल इंडिया रेडियो एवं दूरदर्शन के टॉप ग्रेड कलाकार हैं। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में योगदान के लिए अनेक पुरस्कारों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।

मेरे लिए बहुत खुशी का मौका- ऋत्विक सान्याल

पद्म पुरस्कारों की घोषणा होने के बाद वाराणसी के ध्रुपद गायक ऋत्विक सान्याल (Ritwik Sanyal on Padma Shri) ने कहा कि ये मेरे लिए बहुत खुशी का मौका है। उन्होंने कहा कि सरकार ने ध्रुपद गायकी को जो सम्मान दिया है इस पुरस्कार के जरिए वह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। बता दें कि वे अलग-अलग कई कार्यक्रमों के लिए लगातार बाहर हैं और इस वक्त गोवा में हैं और 6 फरवरी को वह वाराणसी लौटेंगे।

जानें प्रोफेसर मनोरंजन साहू के बारे में

वहीं प्रोफेसर मनोरंजन साहू का जन्म पश्चिम बंगाल के जिला मिदनापुर में हुआ है। उन्होंने राज्य आयुर्वेदिक कॉलेज कलकत्ता से ग्रेजुएशन वर्ष 1977 में पूरी की. डाक्टर ऑफ मेडिसिन और पीएचडी बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में वर्ष 1982 और 1986 में किया. प्रोफेसर साहू का आयुर्वेद के क्षेत्र में एक बेहतरीन योगदान है. प्रोफेसर मनोरंजन साहू आयुर्वेद विभाग के शल्य तंत्र विभाग में अपनी सेवाएं 1993 में देनी शुरू की। वर्ष 2003 से 2018 तक वह शल्य तंत्र विभाग में बतौर प्रोफेसर अपनी सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए।

प्रोफेसर मनोरंजन साहू का 34 वर्षों से अधिक का शिक्षण और अनुसंधान का अनुभव है। उनके 32 शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में छप चुके है. इस कार्यों को लेकर विभिन्न प्लेटफार्म पर पहले भी कई सम्मान मिल चुके है।

यह सम्मान आयुर्वेद के शल्य चिकित्सा और चिकित्सकों को समर्पित- मनोरंजन साहू

पद्मश्री मिलने पर प्रोफेसर मनोरंजन साहू ने कहा की यह सम्मान आयुर्वेद के शल्य चिकित्सा और चिकित्सकों को समर्पित है, या यूं कहे की यह सम्मान भी उन्ही का है. मॉडर्न मेडिसिन के मुकाबले आयुर्वेद मेडिसिन की अक्सर उपेक्षा ही की जाती है, अपितु यह सम्मान देकर सरकार ने बता दिया की सरकार कोई भेद नहीं करती. इससे आयुर्वेद विभाग से जुड़े चिकित्सकों का आत्मबल बढ़ेगा और वह नए शोध और शल्य पद्धति को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहेंगे।

Updated On 26 Jan 2023 5:12 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

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