Varanasi : ईसीजी और थ्रंबोलिसिस सुविधा के लिए चिकित्सकों को दिया गया प्रशिक्षण, CMO कार्यालय में हुआ आयोजन
वाराणसी। हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए ईसीजी और थ्रंबोलिसिस के प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में…
![Training given to doctors for ECG and Thrombolysis facility Training given to doctors for ECG and Thrombolysis facility](http://varanasitoday.com/wp-content/uploads/2023/02/Training-given-to-doctors-for-ECG-and-Thrombolysis-facility.jpg)
वाराणसी। हार्ट अटैक से होने वाली मृत्यु को रोकने के लिए ईसीजी और थ्रंबोलिसिस के प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को वाराणसी (Varanasi) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में सीएमओ डॉ संदीप चौधरी (Dr Sandeep Chowdhary) की अध्यक्षता और बीएचयू (BHU) के हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist) प्रो धर्मेंद्र जैन के नेतृत्व में ईसीजी व थ्रंबोलिसिस (ECG and Thrombolysis) सुविधा के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
इस दौरान प्रो धर्मेंद्र जैन और चिकित्साधिकारी डॉ शिवशक्ति द्विवेदी ने जिला चिकित्सालय और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों से आए चिकित्सकों को ईसीजी डेमोंस्ट्रेशन भी करके दिखाया गया। डेमोंस्ट्रेशन की प्रक्रिया एसीएमओ डॉ एके मौर्य के माध्यम से की गई।
प्रशिक्षण में CMO ने कहा कि आईसीएमआर के सहयोग से स्पोक एंड हब पायलट प्रोजेक्ट प्रदेश में सबसे पहले वाराणसी में शुरू किया जा रहा है। बीएचयू को हब सेंटर बनाया गया है जहां हार्ट अटैक के मरीजों को टेली कंसल्टेंसी के जरिये सम्पूर्ण उपचार व परामर्श दिया जाएगा। सभी जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) को स्पोक सेंटर बनाया गया है जहां अचानक से सीने में दर्द होने वाले व्यक्तियों को ईसीजी के साथ-साथ थ्रंबोलिसिस की सेवा प्रदान की जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क है। वाराणसी के साथ-साथ आसपास के जनपदों के लिए सहायक साबित होगी। सीएमओ ने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य चिकित्सालयों व स्वास्थ्य केन्द्रों के समस्त चिकित्सकों को हृदय रोग विशेषज्ञ के रूप में तैयार किया जाए जिससे वह अपने केंद्र के अन्य चिकित्सकों व स्टाफ को पूर्ण रूप प्रशिक्षित कर सकें। ताकि स्वास्थ्य केंद्र का कोई भी स्टाफ इस प्रक्रिया को मरीजों तक प्रदान करा सके। सीएमओ ने प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके सभी चिकित्सकों को ईसीजी व थ्रंबोलिसिस के लिए एम्बेस्डर की उपाधि दी।
हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो धर्मेंद्र जैन ने कहा कि अचानक से सीने में तेज दर्द होने पर 100 में से एक तिहाई मरीजों को ही समय से उपचार मिल पता है जो काफी कम है। इसी सुविधा को बढ़ाने के लिए देश में आईसीएमआर प्रोजेक्ट के तहत चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों पर ईसीजी और थ्रंबोलिसिस की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। अचानक अटैक आने के बाद मरीजों को समय से उपचार मिले तो उसकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि हब सेंटर के नाते बीएचयू में विशेषज्ञ, क्रिटिकल केयर यूनिट सहित समस्त सुविधाएं मौजूद हैं। किसी भी मरीज को कोई परेशानी न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है। जल्द ही एक एप्लिकेशन तैयार की जाएगी जिससे प्रक्रिया और आसान होगी। साथ ही सभी चिकित्सक व विशेषज्ञ एक साथ जुड़े रहेंगे।
प्रशिक्षण में समस्त डिप्टी सीएमओ, एसीएमओ, चिकित्साधिकारी, मंडलीय क्वालिटी व शहरी सलाहकार एवं अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।
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