लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर तमाम अटकलें लगायी जा रही है। चाहे वो भाजपा के लिए हो या फिर सपा या कांग्रेस या अन्य कोई राजनैतिक दल लेकिन अटकलों का सिलसिला जारी है। इसी बीच पीलीभीत संसदीय सीट से भाजपा नेता वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर अगला कदम क्या होगा? लेकिन आज पीलीभीत से मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी का पिछले 35 साल से चला आ रहा सियासी रिश्ता खत्म हो गया। 1989 के बाद यह पहली बार हुआ कि जब दोनों में से किसी ने भी पीलीभीत सीट से पर्चा नहीं भरा। भाजपा ने वरुण गांधी का टिकट काटकर यूपी के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद को प्रत्याशी बनाया है। इसे लेकर वरुण गांधी ने पीलीभीत की जनता को एक खुला और भावुक पत्र लिखा है।

इस पत्र में वरुण गांधी ने लिखा है कि "कोई भी कीमत चुकानी पड़े वो तैयार हैं लेकिन पीलीभीत की जनता से और उनकी आवाज उठाने से कोई नहीं रोक सकता। पीलीभीत से रिश्ता बना रहेगा। आशीर्वाद दीजिए"


उन्होंने इस पत्र में यह भी लिखा कि उन्होंने लिखा कि एक सांसद के तौर पर मेरा कार्यकाल भले समाप्त हो रहा हो, पर पीलीभीत से मेरा रिश्ता अंतिम सांस तक खत्म नहीं हो सकता। सांसद के रूप में नहीं, तो बेटे के तौर पर सही, मैं आजीवन आपकी सेवा के लिए प्रतिबद्ध हूँ और मेरे दरवाजे आपके लिये हमेशा पहले जैसे ही खुले रहेंगे। मैं राजनीति में आम आदमी की आवाज उठाने आया था और आज आपसे यही आशीर्वाद मांगता हूँ कि सदैव यह कार्य करता रहूं, भले ही उसकी कोई भी कीमत चुकानी पड़े।

मेरा और पीलीभीत का रिश्ता प्रेम और विश्वास का है, जो किसी राजनीतिक गुणा- भाग से बहुत ऊपर है। मैं आपका था, हूं और रहूँगा। बता दें कि वरुण के इस खुले पत्र के कई मायने तलाशे जा रहे हैं। कल जितिन प्रसाद के नामांकन में भी वरुण शामिल नहीं हुए।

Updated On 28 March 2024 10:10 AM GMT
Vipin Singh

Vipin Singh

Next Story