लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है, सभी पार्टियां पूरे दमखम से चुनाव की तैयारियों में अपनी जीत सुनिश्चित करने में जुट गई है। वहीं सपा ने अपने वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव को बदायूं से मैदान में उतारा है। भाजपा और बसपा ने प्रत्याशी को लेकर अभी पत्ते नहीं खोले हैं।

बदायूं में मुस्लिम और यादवों बहुल है। इसी समीकरण से किसी समय यह सपा की मजबूत सीट मानी जाती थी लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चचेरे भाई सांसद रहे धर्मेंद्र यादव को शिकस्त देने के लिए भाजपा ने संघमिश्रा मौर्य को मैदान में उतारा था। धर्मेंद्र यादव हार गए थे। संघमित्रा मौर्य सांसद बनीं।

बदायूं सीट को सपा ने अपने पाले में करने के लिए शिवपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा है। यह अलग बात है कि शिवपाल सिंह के आने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम इकबाल शेरबानी, सपा राष्ट्रीय सचिव रहे आबिद रजा की चुनौती सामने आई है। दोनों ने सेक्युलर फ्रंट बनाकर सहसवान में बड़ी रैली की।

पिता के चुनाव की कमान सभालेंगे आदित्य

बदायूं से सपा प्रत्याशी शिवपाल सिंह यादव के चुनाव की कमान उनके बेटे आदित्य यादव संभालेंगे। वह सोमवार को बदायूं आ रहे हैं। सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने बताया कि बदायूं सीमा में कछला से उनका स्वागत किया जाएगा। रात में बदायूं रुकेंगे। सुबह स्थानीय नेताओं के साथ चुनावी बैठक करेंगे। उसके बाद में आगे की रणनीति पर अमल होगा।

बता दें कि, बीते कुछ दिनों से सियासी घटनाक्रम बदलता रहा है। सांसद संघमित्रा मौर्य के पिता स्वामी प्रसाद मौर्य में सपा में रहे। सपा में रहते केंद्र व प्रदेश सरकार पर जमकर सियासी हमले किए। तब से भाजपा के अंदर उनकी बेटी के टिकट लेकर संशय हो गया है। पहली लिस्ट में नाम न आने पर संशय और बढ़ा है।

Ankita Yaduvanshi

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