495 साल के बाद रामलला खेलेंगे अपने नव्य-भव्य-महल में होली, लगेंगे 56 भोग, होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम
अयोध्या। रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहला ऐसा मौका होगा जब प्रभु श्री राम अपने नव्य-भव्य-दिव्य महल में होली खेलेंगे। इस बार अयोध्या की होली बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि राममंदिर की होली वहां आकर्षण का केंद्र होगी और 495 सालों के बाद रामलला अपने महल में भक्तोंबके बीच होली खेलेंगे। ऐसे में राम दरबार में होली की खासा धूम देखने को मिल रही है। ट्रस्ट द्वारा इसकी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और इस उत्सव को महाउत्सव में बदलने के लिए लोग जोरों शोरों से जुटे हुए हैं। इस कार्यक्रम का क्या स्वरूप, किस प्रकार की तैयारी और क्या खास होना चाहिए इसके लिए चर्चा परिचर्चा जारी है।
इसके साथ ही राममंदिर में रामलला की पहली होली को लेकर संत-धर्माचार्यों एवं भक्तों में खासा उल्लास और उत्साह है। दूसरी तरफ रामनगरी के मंदिरों में भी इस बार राममंदिर वाली होली का आयोजन किए जाने की तैयारी है। भव्य महल में रामलला की यह पहली होली होगी।
इस दिन राममंदिर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के बारे में श्रीरामजन्मभूमि के पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार भक्तों को रामलला के साथ होली खेलने का अवसर मिलेगा। इसके लिए तैयारियां की जा रही है। रामलला को नए और विशेष वस्त्र पहनाकर, उनका खास श्रृंगार किया जायेगा और इतना ही नहीं प्रभु श्री राम को विभिन्न प्रकार के पकवानों का भोग लगाया जाएगा। 56 प्रकार के व्यंजनों का भोग लगाकर भक्तों को प्रसाद वितरित किया जाएगा। इसके बाद अबीर-गुलाल अर्पित कर होली का उत्सव मनाएंगे। इन सब के अलावा राममंदिर के गर्भगृह में सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जा रहा है, जिसमें होली के गीतों व पदों का गायन होगा।
बता दें कि साल 1528 में मुगल सम्राट बाबर के सेनापति मीर बाकी के हमले के बाद रामलला के लिए कोई भी उत्सव परंपरा निर्वहन तक ही सीमित रह गई थी। अब 495 साल बाद रामलला जब टेंट से अस्थायी और भव्य महल में विराजे हैं तो उत्सव भी भव्य होगा।