बीजेपी नेताओं से उलझना चितईपुर SO को पड़ा भारी, किए गए लाइन हाजिर
वाराणसी। बीजेपी नेताओं से उलझना चितईपुर थाना प्रभारी को महंगा पड़ गया है। दरअसल, बुधवार की देर शाम चितईपुर थाना प्रभारी चंद्रदीप कुमार को लाइन हाजिर कर दिया गया है, वहीं उनकी जगह इंस्पेक्टर मनोज मिश्रा को चितईपुर थाने का प्रभार सौंपा गया है।
बता दें कि, बीते दिनों 9 अप्रैल की देर रात चितईपुर थाने में BHU कर्मी से मारपीट की घटना की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर भाजपा नेताओं ने थाने में ही जमकर बवाल काटा था। सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की थी। यह हंगामा थाना परिसर में लगभग 5 घंटे तक चला।
वहीं भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं ने थाने के SO को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग भी की थी। इतना ही नहीं इस मामले में कुछ भाजपा पदाधिकारियों ने BHU कर्मचारियों की रिपोर्ट नहीं लिखे जाने पर दरोगा को उसका कॉलर पड़कर घसीटने की भी कोशिश की थी। धीरे-धीरे इस मामले ने तूल पकड़ लिया और भाजपा कार्यकर्ताओं ने दरोगा के केबिन में घुसकर उन्हें खरी खोटी सुनाई थी। इस दौरान जब उन्हें थाने के पुलिसकर्मियों ने धक्का देकर बाहर निकाल तो ये हंगामा और भी ज्यादा बढ़ गया। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ता वहीं थाने में ही धरने पर बैठ गए थे।
मामले को बढ़ता देख महापौर अशोक तिवारी और पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण ने थाने पहुंचकर भाजपा नेताओं को समझाया लेकिन कार्रवाई के बिना कोई मानने को तैयार नहीं हुआ।
आक्रोशित भाजपा नेताओं को समझाने का प्रयास आधी रात तक जारी रहा, पुलिस विरोधी नारों के बीच सभी थानेदार के निलंबन पर अड़े थे। जेसीपी से वार्ता और आश्वासन के बाद देर रात लगभग एक बजे मामला समाप्त हुआ लेकिन लोग यह कहकर लौटे कि कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदर्शन करेंगे।
जानें क्या था पूरा मामला
वाराणसी के करमाजीतपुर निवासी राजेंद्र सिंह पटेल BHU में कर्मचारी हैं और अपने मकान में रहते हैं। राजेंद्र सिंह पटेल के अनुसार, पड़ोस में रहने वाले लोगों ने उनके बेटे के साथ मारपीट की थी, उनकी पत्नी पर भी हमला बोल दिया। पड़ोसियों ने घर में घुसकर उत्पात मचाया। लाठी-डंडा और चाकू से किए हमले में घायल उनके घर के विनीत सिंह, अंकित सिंह और कृष्ण सिंह को इलाज कराने की जगह पुलिस थाने ले गई। तमाम गुहार लगाने के बावजूद न दवा दिलाई न ही अस्पताल ले गए। 2 घंटे तक चितईपुर थाने पर ही उन्हें बैठाया गया था। इसकी वजह से घायल अंकित सिंह चितईपुर थाने पर ही बेहोश होकर गिर गया। पुलिस पर यह भी आरोप है कि उन्होंने पीड़ित पक्ष की तहरीर पर मुकदमा नहीं लिखा। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं ने थाने में पहुंचकर यह हंगामा किया था।